New Delhi : बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को दिए निर्देश
- Rohit banchhor
- 22 Sep, 2024
बैठक में यह भी कहा गया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों का समर्थन और डीप फेक व प्रीडेटर्स
New Delhi : नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बच्चों और बाल अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ बैठक की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए हैं, जो बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।
New Delhi : अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने गूगल, यूट्यूब, मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप), एक्स, स्नैपचैट, शेयरचैट, रेडिट और बम्बल सहित अन्य प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिए हैं कि वे बच्चों की उम्र सत्यापन के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित करें। इसके साथ ही, उन्होंने सीएसएएम (चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज़ मैटेरियल) का पता लगाने और रिपोर्ट करने के लिए सुरक्षा उपकरणों को मजबूत करने पर सहमति जताई है।
New Delhi : बैठक में यह भी कहा गया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों का समर्थन और डीप फेक व प्रीडेटर्स का पता लगाने के लिए उपकरण उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, लापता और शोषित बच्चों के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय केंद्र (NCMEC) को मानकों के पालन की आवश्यकता पर चर्चा की गई।
New Delhi : आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत कुछ सिफारिशें भी की हैं। इनमें कहा गया है कि नाबालिगों के साथ अनुबंध करने के लिए माता-पिता या कानूनी अभिभावकों की सहमति आवश्यक होगी। साथ ही, प्लेटफॉर्म्स को पॉक्सो अधिनियम की धारा 11 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 का हवाला देते हुए एडल्ट सामग्री दिखाने से पहले स्पष्ट चेतावनी जारी करनी चाहिए।
New Delhi : अंत में, NCMEC के साथ डेटा साझा करने की आवश्यकता भी बताई गई, जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जनवरी 2024 से जून 2024 के बीच के सभी मामलों का डाटा मुहैया कराना होगा। आयोग ने इन सिफारिशों को सुनिश्चित करने के लिए 7 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।