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National Horse Day 2024 : भारत में घोड़े का है ऐतिहासिक महत्व, तो आइए जानतें है उसकी दुनिया और अनमोल नस्ल के बारे में...

National Horse Day 2024

इसके अलावा, महोबा के राजा ऊदल का अश्व बेंदुला भी इतिहास में प्रसिद्ध है।

National Horse Day 2024 : डेस्क न्यूज। हर साल 13 दिसंबर को नेशनल हॉर्स डे मनाया जाता है, जो घोड़ों की महिमा और उनके योगदान को सम्मानित करने का दिन है। भारत में घोड़े का ऐतिहासिक महत्व है और इसे हमारी संस्कृति, युद्धों और खेलों में अहम भूमिका निभाने वाला माना जाता है। घोड़ों का इतिहास आल्हा में भी मिलता है, जिसमें उल्लेख है कि घोड़े पहले काबुल और कंधार में पाए जाते थे, और बाद में इनकी नस्लें पूरी दुनिया में फैलीं। इन घोड़ों की लोकप्रियता का एक उदाहरण महान महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक है, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में चर्चित रहा है। इसके अलावा, महोबा के राजा ऊदल का अश्व बेंदुला भी इतिहास में प्रसिद्ध है।


National Horse Day 2024 : दुनिया का सबसे महंगा घोड़ा-

दुनिया के सबसे महंगे घोड़े का नाम है फुसैची पेगासस, जिसकी कीमत 7.5 करोड़ डॉलर यानी लगभग 617 करोड़ भारतीय रुपये है। यह रकम इतनी ज्यादा है कि इसके बदले में आप आसानी से एक प्राइवेट जेट खरीद सकते हैं। फुसैची पेगासस एक जीतने वाला घोड़ा है जिसने कई प्रमुख रेसों में सफलता प्राप्त की और अपनी मूल्यवान नस्ल के कारण अत्यधिक कीमती बन गया।


National Horse Day 2024 : भारत में घोड़े की प्रमुख नस्लें भारत में घोड़ों की कई प्रमुख नस्लें पाई जाती हैं, जो न केवल उनके रूप और आकार में विविधता दर्शाती हैं, बल्कि उनके कार्यों और उपयोग में भी भिन्नता है। जैसे-

मारवाड़ी घोड़ा- राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से उत्पन्न इस नस्ल के घोड़े सवारी और खेल के लिए पाले जाते हैं। इनका रंग आमतौर पर भूरा होता है, और इनकी शारीरिक बनावट मजबूत होती है। यह नस्ल अपने साहस और शक्ति के लिए प्रसिद्ध है।

काठियावाड़ी घोड़ा- गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में पाए जाने वाले ये घोड़े सुंदरता और उपयोगिता दोनों में लोकप्रिय हैं। काठियावाड़ी घोड़े का शरीर सामान्यतः लाल या काले रंग का होता है, और यह जटिल परिस्थितियों में कार्य करने के लिए सक्षम होते हैं।

स्पीति घोड़ा- हिमाचल प्रदेश के स्पीति घाटी से आने वाले ये छोटे कद के घोड़े कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका शरीर मजबूत और ठोस होता है, और यह मुख्यतः सवारी और सामान ढोने के लिए इस्तेमाल होते हैं।

मणिपुरी घोड़ा- मणिपुरी घोड़े की नस्ल भारत के पूर्वाेत्तर क्षेत्र, विशेषकर मणिपुर और असम में पाई जाती है। यह नस्ल पोलो और रेसिंग के लिए प्रसिद्ध है और बेहद बुद्धिमान और सहनशील मानी जाती है।

भूटिया घोड़ा- सिक्किम और दार्जिलिंग के क्षेत्र में पाए जाने वाले भूटिया घोड़े का शरीर आमतौर पर ग्रे या बे रंग का होता है। यह नस्ल तिब्बती टट्टू से संबंधित मानी जाती है और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में काम करने के लिए आदर्श होती है।

जांसकारी घोड़ा- जम्मू और कश्मीर के लद्दाख और ज़ांस्कर क्षेत्र में पाए जाने वाले ये घोड़े अपनी मजबूत शारीरिक संरचना और सर्दियों में कठोर परिस्थितियों में काम करने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं।


National Horse Day 2024 : राष्ट्रपति के अंगरक्षकों का अश्व दस्ता-

भारत में राष्ट्रपति के अंगरक्षकों का अश्व दस्ता दुनिया का सबसे पुराना घुड़सवार दस्ते में से एक है। इस दस्ते में सवार अश्वारोही अपनी शान से चलते हैं और राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब यह दस्ता राष्ट्रपति की गाड़ी को घेर कर चलता है तो यह दृश्य अत्यंत भव्य और अद्वितीय होता है।


National Horse Day 2024 : भारत में घोड़ों की प्रजातियाँ और उनके उपयोग भारत में घोड़ों की कुल संख्या में पिछले कुछ वर्षों में कमी आई है। 20वीं पशुगणना के अनुसार, देश में कुल 5 लाख 40 हजार घोड़े, गधे और खच्चर पाए जाते हैं। हालांकि, यह संख्या 2012 में 11 लाख 40 हजार थी।


National Horse Day 2024 : भारत में विदेशी घोड़े की नस्लें भारत में विदेशी घोड़े की नस्लों में अंग्रेजी थोरब्रेड, अरब, पोलिश, कोनीमेरा और हाफलिंगर शामिल हैं। इन नस्लों ने भारतीय घोड़ों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विशेष रूप से, अरब घोड़े ने भारत के मारवाड़ी, सिंधी और मणिपुरी नस्लों के विकास में अहम भूमिका निभाई है।

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