Nagpanchami 2024 : नागपंचमी पर होगी भगवान शिव के साथ सर्पों की पूजा, काल सर्पदोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय...
- Rohit banchhor
- 08 Aug, 2024
Nagpanchami 2024 : डेस्क न्यूज। नागपंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है,
Nagpanchami 2024 : डेस्क न्यूज। नागपंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें भगवान शिव के साथ-साथ सर्पों की पूजा की जाती है। इस बार यह 09 अगस्त (शुक्रवार) को पड़ रहा है। वैसे तो पूरे माह भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं मगर इस खास दिन पर भोले के साथ सर्पों की पूजा का खास विधान है। इस पर्व के धार्मिक और पौराणिक महत्व को समझने के लिए कुछ मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है।
Nagpanchami 2024 : शिव और सर्पों की पूजा का महत्व-
शिव और सर्पों का संबंध- सर्पों को भगवान शिव के साथ जुड़े होने के कारण अत्यधिक पूजनीय माना जाता है। शिव के गले में नागों का हार उन्हें शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक बनाता है। सर्पों की पूजा करके भक्त शिव की कृपा प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
सर्प और समुद्र मंथन- पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवताओं और दानवों ने समुद्र मंथन किया था, तब वासुकि नाग को रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इस प्रकार, सर्पों की पूजा का संबंध शक्ति और संतुलन के प्रतीक के रूप में किया जाता है।
काल सर्प दोष से मुक्ति- नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति काल सर्प दोष से मुक्ति पा सकता है। काल सर्प दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याओं का कारण बनता है और इसे दूर करने के लिए इस दिन नाग-नागिन के जोड़े को शिवलिंग पर दूध के साथ अर्पित करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
Nagpanchami 2024 : नाग पंचमी पर किए जाने वाले उपाय-
नाग-नागिन की पूजा- इस दिन नाग-नागिन की पूजा शिवलिंग पर दूध, चंदन, धतूरा और फूल अर्पित करके की जाती है। इससे व्यक्ति पर भगवान शिव की विशेष कृपा होती है और काल सर्प दोष समाप्त हो जाता है।
सर्प आकृति की पूजा- घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती है। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
सर्पों का आशीर्वाद प्राप्त करना- इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना और सर्पों की पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और सांप के काटने से भी सुरक्षा मिलती है।
विशेष पूजा- उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं और यहां भगवान शिव, माता पार्वती, और गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा से भी व्यक्ति विशेष फल प्राप्त कर सकता है।