Breaking News
:

मोदी सरकार का नया कदम: छोटे लेनदेन पर राहत, इन व्यापारियों को होगा फायदा, जानें क्या है MDR

मोदी सरकार

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फैसला लिया है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,000 रुपये से कम के यूपीआई लेनदेन को प्रोत्साहित करने वाली योजना को हरी झंडी दिखाई। इसके लिए सरकार ने करीब 1,500 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों को होने वाले 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का खर्च सरकार खुद वहन करेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को मिलेगा, जो डिजिटल पेमेंट सिस्टम से जुड़ने में आर्थिक बोझ महसूस करते हैं। सरकार का मकसद डिजिटल लेनदेन को आसान और सुलभ बनाना है।


क्या है योजना की बारीकियां?

केंद्र सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि यह योजना 'भीम-यूपीआई के जरिए कम मूल्य के व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) लेनदेन' को बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। इसमें छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन शामिल होंगे। योजना के तहत प्रति लेनदेन पर 0.15 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस कदम से न केवल व्यापारियों का वित्तीय बोझ कम होगा, बल्कि आम लोग भी डिजिटल पेमेंट के लिए प्रेरित होंगे।


एमडीआर क्या होता है?

मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर वह शुल्क है, जो व्यापारी ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया के लिए बैंकों को चुकाते हैं। कोरोना से पहले 2,000 रुपये से कम के यूपीआई लेनदेन पर यह शुल्क लागू था, लेकिन 2020 में इसे खत्म कर दिया गया था ताकि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिले। अब सरकार ने फिर से छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए यह जिम्मेदारी खुद उठाई है। यह फैसला नकदी रहित अर्थव्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

Popular post

Live News

Latest post

You may also like

Subscribe Here

Enter your email address to subscribe to this website and receive notifications of new posts by email.

Join Us