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Migratory Birds : प्रयागराज के संगम में प्रवासी पक्षियों का समागम, नागा साधुओं के स्नान से पहले शुरू हुआ जलक्रीड़ा...

Migratory Birds

इन पक्षियों की जलक्रीड़ा ने संगम को एक अनोखा रूप दिया है, और नाविकों की भी इन दिनों अच्छी कमाई हो रही है।

Migratory Birds : प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित महाकुम्भ मेला इस समय तैयारियों के दौर में है, लेकिन इस बार संगम में एक विशेष दृश्य देखने को मिल रहा है। जहां साधु संतों और श्रद्धालुओं का समागम अभी शुरू नहीं हुआ है, वहीं साइबेरिया से आए प्रवासी पक्षियों का जलक्रीड़ा जोरों पर है। खासकर साइबेरियन ब्लैक हेडेड गुल नामक पक्षियों का समागम संगम में देखने के लिए अब पक्षी प्रेमी दूर-दूर से आ रहे हैं। इन पक्षियों की जलक्रीड़ा ने संगम को एक अनोखा रूप दिया है, और नाविकों की भी इन दिनों अच्छी कमाई हो रही है।


Migratory Birds : वीजा और पासपोर्ट बिना विदेशियों का संगम में आना-

प्रयागराज के महाकुम्भ मेला में हर साल देश-विदेश से लोग आते हैं, लेकिन इस बार संगम पर जो विदेशी मेहमान पहुंचे हैं, उन्हें न तो वीजा की जरूरत है और न ही पासपोर्ट की। ये प्रवासी पक्षी, साइबेरिया से उड़कर हजारों किलोमीटर का सफर तय करके संगम में आते हैं। यदि वे सीधे उड़ान भरते हैं तो यह दूरी लगभग 4,800 किलोमीटर होती है, लेकिन अगर वे समूह में आते हैं तो यह दूरी 14,800 किलोमीटर तक बढ़ जाती है। इन पक्षियों की उड़ान को देखना एक अद्भुत दृश्य होता है।


Migratory Birds : साइबेरियन पक्षियों का संगम में आगमन-

प्रयागराज के संगम में हर साल दिसंबर से मार्च तक साइबेरियन ब्लैक हेडेड गुल पक्षी आते हैं। ये पक्षी रूस के साइबेरिया इलाके से आते हैं, जहां का तापमान जीरो से भी 50-60 डिग्री नीचे गिर सकता है। इतनी कठोर सर्दी में इन पक्षियों के लिए जीना मुश्किल हो जाता है, इसलिए वे हर साल भारत आते हैं, जहां ठंड कम होती है और गंगा-यमुना के संगम पर भोजन और घोंसले बनाने के लिए सुरक्षित स्थान मिल जाते हैं। यही कारण है कि ये पक्षी इस समय संगम में जलक्रीड़ा कर रहे हैं।


Migratory Birds : जलक्रीड़ा और भक्तों का प्रेम-

संगम में ये साइबेरियन पक्षी गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में तैरते हुए अपने कल्पवास का आनंद ले रहे हैं। ये पक्षी जब चाहें, लहरों में क्रीड़ा करते हैं, और संगम के पास के लोग इनकी तस्वीरें लेने और इनकी जलक्रीड़ा को देखने के लिए आ रहे हैं। साथ ही, श्रद्धालु इन पक्षियों के लिए खाद्य सामग्री भी लेकर आते हैं, जिन्हें ये बड़े प्रेम से स्वीकार करते हैं। प्रयागराज का महाकुम्भ मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, और इस बार विदेशों से आए ये प्रवासी पक्षी भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इन पक्षियों का संगम में जलक्रीड़ा महाकुम्भ के वास्तविक रूप को दर्शाता है, जहां इंसान और पक्षी दोनों अपनी आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए संगम की पवित्र जलधारा में डुबकी लगा रहे हैं।

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