Magha Shradh: हिंदू धर्म में पितरों का आशीर्वाद पाने और उनकी मुक्ति के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध का विधान है. मान्यता है कि इस दौरान पितर पृथ्वी पर आते हैं और आपके द्वारा अर्पण किए गये तर्पण, श्राद्ध आदि को ग्रहण करते हैं. पितृपक्ष में मघा श्राद्ध का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि इसके स्वामी स्वयं पितर होते हैं. यही कारण है कि मघा नक्षत्र में किए गये श्राद्ध का का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व होता है. मान्यता है कि इस नक्षत्र में यदि कोई व्यक्ति अपने पितरों के लिए पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करता है तो उस पर पितरों की पूरी कृपा बरसती है. आइए मघा श्राद्ध के महत्व और इसकी विधि को विस्तार से जानते हैं. पितृभ्य नमः….ज्योतिष शास्त्र में मघा नक्षत्र दसवां नक्षत्र होता है. मघा नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता पितर होते हैं. मघा नक्षत्र के स्वामी केतु को माना गया है. इसलिए इस नक्षत्र का होना श्राद्ध समय के दौरान अत्यंत ही शुभ प्रभाव वाला होता है. मघा नक्षत्र का संबंध पितर और केतु से आने के कारण ही इस नक्षत्र के समय पर किया जाने वाला श्राद्ध अत्यंत ही प्रभावशाली होता है.!
Magha Shradh:शुभ मुहूर्त
देश की राजधानी दिल्ली के पंचांग के अनुसार इस साल मघा श्राद्ध 10 अक्टूबर 2023, मंगलवार को रहेगा और इस दिन श्राद्ध के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला कुतुप मुहूर्त 11:45 से लेकर 12:31 बजे तक रहेगा. इसी प्रकार रोहिण मुहूर्त दोपहर 12:31 से लेकर 01:18 बजे तक रहेगा, जबकि अपराह्न काल दोपहर 01:18 बजे से लेकर दोपहर 03:38 बजे तक रहेगा.
Magha Shradh: धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार पितरों के लिए समर्पित मघा नक्षत्र में जब कोई व्यक्ति अपने पितरों श्राद्ध करता है तो उसके द्वारा किए तर्पण एवं दान का पुण्यफल बगैर किसी देरी या अड़चन के पितरों को प्राप्त होता है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में स्थित पितृदोष को दूर करने के लिए मघा श्राद्ध को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है.
Magha Shradh: यह करें
हिंदू मान्यता के अनुसार मघा श्राद्ध वाले दिन श्राद्ध के अधिकारी व्यक्ति को काला तिल, कुशा, फूल, अक्षत और शुद्ध जल लेकर पितरों का पूजन करना चाहिए. मघा श्राद्ध वाले दिन अपने पितरों का विधि-विधान से पिंडदान, तर्पण आदि करते हुए किसी ब्राह्मण को अपने घर में आदरपूर्वक बुलाकर भोजन करना चाहिए. मान्यता है कि मघा नक्षत्र में किए गये पितृकार्य से प्रसन्न होकर पितर शीघ्र ही संतुष्ट होते हैं और पूरे साल उस व्यक्ति के परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. मघा श्राद्ध वाले दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करें.