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कोरबा: अरसे से अपनी मांगों पर अडिग प्रेरकों ने नई कार्यकारिणी का किया गठन,सरकार के कानों तक बात पहुचाने नए सिरे से बनेगी रणनीति

कोरबा/कटघोरा: जिला कोरबा में संघर्षशील प्रेरक कल्याण संघ ने आज कटघोरा में जिलास्तरीय बैठक आयोजित की,जिसमे दर्जनों की संख्या में जिलेभर से प्रेरकों ने हिस्सा लिया।बता दे कि प्रेरकों की यह बैठक जिले में नए पदाधिकारियों के चयन हेतु रखी गई थी।जिसमे सभी प्रेरको की सह सम्म्मति से चयन प्रकिया पूरी की गई।यहां यह बताना लाजमी होगा कि प्रेरक रोजगार पाने की लड़ाई लम्बे अरसे से लड़ते आ रहे हैं लेकिन इन्हें आज तक मुकाम हासिल नही हुआ।प्रेरकों की माने तो पुरवर्ती सरकार के कार्यकाल में इन्हें बगैर सूचित किये 2018 में बाहर का रास्ता दिखा कर कार्यभार से मुक्त कर दिया गया था।जहां से इनकी लड़ाई शुरू हुई,बता दे कि मौजूदा सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र में प्रेरकों को रोजगार देने के बड़े बड़े दावे किये थे पर वे दावे भी खोखले साबित हुए जो चार साल बाद भी सरकार के कानो तक प्रेरको के धरना आंदोलन की आवाज नही पहुँच पाई।

आज दिनाँक 20/03/2022 को कटघोरा तहसील परिसर के समीप खुले गार्डन में प्रेरक कल्याण संघ की जिला स्तरीय बैठक आहूत की गई जिसमें दर्जनों की संख्या में प्रेरक उपस्थित रहे।बता दे कि साक्षरता प्रेरको की नियक्ति 2006 में हुई थी जहां इनका मानदेय महज 2000/- प्रतिमाह था।वर्ष 2018 में इन्हें कार्यभार से मुक्त कर दिया गया,जहाँ करीबन 16802 प्रेरक बेरोजगार हो गए।बेरोजगार होते ही कई प्रेरको की माली हालत खराब हो गई और इन्हें कोरोना के भीषण काल मे खाने तक के लाले पड़ गए साथ ही भारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा।वही आज तक प्रेरक सरकार से रोजगार पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और लगातार धरना आंदोलन ज्ञापन देकर सरकार से स्थाई रोजगार की मांग कर रहे है।प्रेरकों ने यह साफ कर दिया है कि आगामी दिनों में संघ पूरी मजबूती से अपनी लड़ाई लड़ेगा और सरकार को उनके दावे याद दिलाएगा।

संघ के जिलाध्यक्ष रविंद कुमार वाजपेयी ने बताया कि आज की बैठक यह बैठक में जिले के नए पदाधिकारियों के चयन को लेकर रखी गई थी जिसमे सर्व सम्म्मति से चयन प्रक्रिया पूरी की गई।इन्होंने आगे बताया कि हमारा रोजगार छीन जाने से हमारे सामने करो या मरो की स्थिति बनी हुई है।करीबन 3 सालों से हम सरकार से रोजगार की मांग कर रहे है और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस बाबा ने लिखित घोषणा पत्र जारी रोजगार दिए जाने की बात कही थी लेकिन आजपर्यंत तक हमे रोजगार नही मिल पाया है।इन्होंने आगे बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पुरुष और एक महिला को प्रेरक नियुक्त किया गया था जहां प्रेरकों का कार्य ग्राम में 15 वर्ष से अधिक आयु वालो को शिक्षा के साथ कौशल विकास से जोड़कर ग्राम पंचायत स्तर के समस्त कार्य जैसे जनगणना,सत्यापन, आवास योजना का बखूबी निर्वहन किये हैं।लगभग 50 विधायको के समर्थन के साथ मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन प्रेसित किया जा चुका है फिर भी सरकार के कानों पर जु तक नही रेंगी।

विकासखंड पाली की उपाध्यक्ष अंजली महंत ने बताया कि हमारा रोजगार छीन जाने से हमे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है समय रहते सरकार हमारी मांगो को पूरा नही करती है तो हम वो सब करेंगे जिससे सरकार का हमारी ओर ध्यान आकर्षित हो।इन्होंने आगे बताया की अगर सरकार हमारी बातों को नजरअंदाज करती है तो हम भूख हड़ताल से लेकर धरना आंदोलन तक करेंगे।

प्रेरक अपने हक की लड़ाई पिछले कई सालों से जारी रखे हुए हैं पर मौजूदा सरकार के कानों पर जु तक नही रेंगी है।जबकि मौजूदा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में प्रेरको के रोजगार को लेकर साफ जिक्र किया है अब ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रेरको को रोजगार का लॉलीपॉप थमा कर चुनाव में विजय हासिल करने यह नायाब तरीका तो नही था।रोजगार नही मिलने से प्रेरकों की स्थिति बद से बत्तर हो चली है अगर समय रहते सरकार प्रेरको पर ध्यानाकर्षण नही करती है तो शायद प्रेरक सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा कर सकते हैं।