Breaking News

जानिए किस दिन है वट सावित्री व्रत, कब बन रहे शुभ योग, व्रत में क्या खाना होता है उत्तम, साथ ही पढ़िए वट सावित्री व्रत की कहानी

Vat-Savitri
Vat-Savitri

रायपुर. वट सावित्री व्रत को सुहागिन महिलाएं रखती हैं। इस साल व्रत सावित्री व्रत की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। व्रती महिलाएं समझ नहीं पा रही हैं कि वट सावित्री व्रत किस दिन रखें। वैसे तो वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा की पूजा का विधान है। इसके साथ ही वट सावित्री व्रत कथा सुनने की भी परंपरा है।

वट सावित्री व्रत की कहानी

वट सावित्री अमावस्या के पूजन की प्रचलित कहानी के अनुसार सावित्री अश्वपति की कन्या थी, उसने सत्यवान को पति रूप में स्वीकार किया था। सत्यवान लकड़ियां काटने के लिए जंगल में जाया करता था। सावित्री अपने अंधे सास-ससुर की सेवा करके सत्यवान के पीछे जंगल में चली जाती थी।

एक दिन सत्यवान को लकड़ियां काटते समय चक्कर आ गया और वह पेड़ से उतरकर नीचे बैठ गया। उसी समय भैंसे पर सवार होकर यमराज सत्यवान के प्राण लेने आए। सावित्री ने उन्हें पहचाना और सावित्री ने कहा कि आप मेरे सत्यवान के प्राण न लें।

यम ने मना किया, मगर वह वापस नहीं लौटी। सावित्री के पतिव्रत धर्म से प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान के रूप में अंधे सास-ससुर की सेवा में आंखें दीं और सावित्री को सौ पुत्र होने का आशीर्वाद दिया और सत्यवान को छोड़ दिया।

इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने पतिव्रत धर्म से मृत पति को पुन: जीवित कराया था. तभी से यह व्रत ‘वट सावित्री व्रत’ के नाम से जाना जाता है। वट पूजा से जुड़ी धार्मिक मान्यता के अनुसार तभी से महिलाएं इस दिन को वट अमावस्या के रूप में पूजती हैं।

Read more: Chaitra Navratri 2022: कब से शुरू होंगे चैत्र नवरात्रि? जानें तिथि, पूजा विधि व कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

इस साल वट सावित्री व्रत कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 29 मई, दिन रविवार को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन 30 मई, सोमवार को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर होगा। वट सावित्री व्रत के लिए अमावस्या की उदयातिथि देखी जाती है। सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि 30 मई को पड़ रही है। इस तिथि का समापन 30 मई को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में वट सावित्री व्रत 30 मई 2022 को रखा जाएगा।

वट सावित्री व्रत में क्या खाना चाहिए

वैसे तो वट सावित्री व्रत पूरे दिन नहीं रखा जाता है, लेकिन कुछ महिलाएं पूरे दिन भी व्रत रखती हैं। वट सावित्री व्रत में जो पूजा में चढ़ाया जाता है, उन्हीं चीजों को खाया जाता है। वट सावित्री व्रत में आम, चना, पूरी, खरबूजा, पुआ आदि इन सभी चीजों से वट वृक्ष की पूजा की जाती है। जब व्रत पूरा हो जाता है, तब इन्हीं चीजों को खाया जाता है।

वट सावित्री व्रत पर कब बन रहे शुभ योग

वट सावित्री व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। यह योग सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा, जो कि पूरे दिन रहेगा। इस दिन व्रत करना अति पुण्य फलदायी माना गया है। इस दिन सुकर्मा योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

वट सावित्री व्रत में भेजें सन्देश

माथे की बिंदिया चमकती रहे,
हाथों में चूड़ियां खनकती रहे,
पैरों की पायल छनकती रहे,
पिया संग प्रेम बेला सजती रहे.
वट सावित्री की शुभकामनाएं