Kaal Bhairav Jayanti 2024 : काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्ति से मिलती है मुक्ति, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...
Kaal Bhairav Jayanti 2024 : नई दिल्ली। हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव की पूजा-अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इस खास दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और अन्य खास बातें।
Kaal Bhairav Jayanti 2024 : तिथि और शुभ योग-
अष्टमी तिथि का आरंभ 22 नवंबर 2024 को शाम 06.07 बजे।
अष्टमी तिथि का समापन 23 नवंबर 2024 को रात 07.56 बजे।
इस दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
Kaal Bhairav Jayanti 2024 : शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.54 से 05.48 बजे तक।
अभिजित मुहूर्त दोपहर 11.36 से 12.19 बजे तक।
विजय मुहूर्त दोपहर 01.43 से 02.25 बजे तक।
अमृत काल दोपहर 03.27 से शाम 05.10 बजे तक।
Kaal Bhairav Jayanti 2024 : काल भैरव जयंती पर पूजा विधि-
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। पूजा स्थान को साफ करके एक छोटी चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं। चौकी पर शिव-गौरी और काल भैरव की प्रतिमा स्थापित करें। सभी देवी-देवताओं को फूलों की माला अर्पित करें। चौमुखी दीपक प्रज्ज्वलित करें। अबीर, गुलाल और अष्टगंध से सभी देवी-देवताओं को तिलक लगाएं। विधि-विधान से पूजा करें और शिव-गौरी और काल भैरव जी का पूजन करें। ऊँ कालभैरवाय नमः मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद काले कुत्तों को मीठी रोटी खिलाएं।
Kaal Bhairav Jayanti 2024 : व्रत और भजन-कीर्तन-
दिनभर व्रत रखें और भजन-कीर्तन करें। शिव चालीसा और भैरव चालीसा का पाठ करें। भगवान काल भैरव से सुख-समृद्धि और जीवन में शांति की प्रार्थना करें।
Kaal Bhairav Jayanti 2024 : काल भैरव जयंती का महत्व-
इस दिन की गई पूजा से जीवन में मौजूद सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। भगवान काल भैरव भक्तों की सभी समस्याओं का समाधान करते हैं और उन्हें भय से मुक्त करते हैं। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है, जो किसी प्रकार के संकट या बाधा का सामना कर रहे हैं।