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Jharkhand Assembly Election Result: झारखंड में क्यों फेल हुआ बीजेपी का 'घुसपैठिया' दांव, JMM के इन दांवों के आगे मात खा गया NDA का फार्मूला

Jharkhand Assembly Election Result: झारखंड विधानसभा चुनाव में अब तक हुई वोटों की गिनती से एक बात तो तय हो गई कि जेएमएम

Jharkhand Assembly Election Result: झारखंड विधानसभा चुनाव में अब तक हुई वोटों की गिनती से एक बात तो तय हो गई कि जेएमएम

रांची। Jharkhand Assembly Election Result: झारखंड विधानसभा चुनाव में अब तक हुई वोटों की गिनती से एक बात तो तय हो गई कि जेएमएम नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार राज्य में एक बार फिर से बन रही है। आखिर झारखंड में इंडिया गठबंधन के कौन से मुद्दे हावी हुए जो जीत की राह पर उतरे। साथ ही भारतीय जनता पार्टी कहां और किन कारणों से अपने तमाम मुद्दों के साथ जनता से नहीं जुड़ सकी। 

Jharkhand Assembly Election Result: झारखंड में नहीं चला बीजेपी का घुसपैठिया वाला दांव

झारखंड विधानसभा चुनाव के पूरे प्रचार अभियान को देखें तो बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को केंद्र बिन्दु में रखा गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी रैली में यहां तक कहा- 'एक-एक घुसपैठी को चुनकर बाहर करेंगे। झारखंड में घुसपैठ करने वालों को उल्टा लटकाकर सीधा करेंगे।

असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता हिमन्त बिश्व शर्मा और बीजेपी के झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रचार के दौरान बांग्लादेशी घुसैपठिए को बाहर करने के मुद्दे को उठाते रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी जनसभाओं में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को जोर शोर से उठाया।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यहां तक कह दिया था कि हेमंत सोरेन रांची को करांची बनाने पर आमदा है, जो बीजेपी कतई नहीं होने देगी। झारखंड विधानसभा चुनाव में अब तक आए रिजल्ट से साफ हो गया है कि राज्य की जनता ने बांग्लादेशी घुसपैठिए के मुद्दे को पूरी तरह से नकार दिया है। इसी का नतीजा है कि

Jharkhand Assembly Election Result: इंडिया गठबंधन को ​कहां मिला फायदा

1. मईंया सम्मान योजना की बड़ी राशि 2500 रुपये का प्रभाव
2. किसानों के 2 लाख रुपये तक की कर्ज की माफी
3. बिजली बिल की माफी

Jharkhand Assembly Election Result: इन भावनात्मक मुद्दों का भी दिखा असर

1. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हेमंत सोरेन का जेल जाना आदिवासियों को रास नहीं आया।
2. कल्पना सोरेन का बलिदानी चेहरा, जनसभाओं में उनके आंसू का निकालना।
3. कल्पना सोरेन का साकारात्मक प्रचार के दौरान केवल राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाना।
4. कल्पना सोरेन का भाजपा के ऊपर नकारात्मक टिप्पणी से किया परहेज
5. लगभग 100 जनसभाएं कर कांग्रेस समेत अन्य सहयोगी दलों की ताकत में इजाफा किया।

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