नई दिल्ली : एक पिता अपने बच्चो के लिए दुनियाभर के मुश्किलों का सामना करता है. चाहे उसे कैसी भी परिस्तिथि से गुजरना पड़े एक पिता हर मुश्किल का सामना करके अपने बच्चो को छोटी छोटी खुशियां मुहैया करवाता है. ऐसा ही एक सुखद मामला प्रकाश में आया है. जहाँ एक न्यूरो सर्जन डॉक्टर पिता ने अपनी बेटी की हौसला अफ़ज़ाई के लिए नीट परीक्षा दिलाई. मजे की बात यह रही दोनों पिता पुत्री ने एक साथ नीट की परीक्षा पास की.
न्यूरो सर्जन डॉ. प्रकाश खेतान ने 49 वर्ष की उम्र में बेटी का हौसला बढ़ाने के लिए नीट की परीक्षा दे डाली. मजे की बात ये रही कि पिता और बेटी दोनों ने ही नीट परीक्षा पास कर लिया. बेटी पिता से एक प्रतिशत ज्यादा अंक हासिल करने में कामयाब रही.
डॉ. खेतान बताते हैं, वे अपनी बेटी को नीट परीक्षा में कामयाब होते देखना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने खुद भी बेटी के साथ परीक्षा की तैयारी की. दोनों ने साथ फॉर्म अप्लाई किया. और 2023 में एग्जाम भी दिया. डॉ. खेतान ने 1992 में सीपीएमटी पास आउट है.
डॉ. खेतान भी अपनी बेटी मिताली को डॉक्टर बनाना चाहते थे. जून महीने में जब परीक्षा के परिणाम आये तो वे ख़ुशी से फुले नहीं समा रहे थे, उनकी पुत्री मिताली ने 90 फीसदी अंक हासिल किये थे, जबकि डॉक्टर प्रकाश खेतान को 89 फीसदी अंक मिले. जिसके बाद उन्होंने अपनी बेटी मिताली को कर्नाटक के मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला करवाया। इस पर न्यूरो सर्जन डॉ. प्रकाश खेतान ने कहा, इस हार में जो सुख मिला, उसे बयां करना बेहद मुश्किल है.