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मॉस्को पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, INS तुशील के कमीशनिंग में लेंगे हिस्सा, जानें इंडियन नेवी के लिए है कितना खास

INS Tushil: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को रूस की राजधानी मॉस्को के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उनका

INS Tushil: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को रूस की राजधानी मॉस्को के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उनका

 नई दिल्ली/मास्को। INS Tushil: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को रूस की राजधानी मॉस्को के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उनका स्वागत भारतीय राजदूत और रूस के उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने किया। इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे और रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव के साथ IRIGC M&MTC बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा, वह INS तुशील के कमीशनिंग समारोह में भी भाग लेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 9 दिसंबर को रूस में एक कार्यक्रम में तुशील को इंडियन नेवी में शामिल करेंगे।


INS Tushil: क्या है वॉरशिप तुशील की खासियत


इंडियन नेवी की एक टीम भी रूस गई थी जिसने वॉरशिप का अंतिम ट्रायल लिया। तुशील सभी टेस्ट पर खरा उतरा है। तुशील एक फ्रिगेट है और इसमें ब्रह्मोस मिसाइल लगी हैं। यह 3600 टन से ज्यादा वजन का है। इसमें 180 नौसैनिक यात्रा कर सकते हैं। इसकी स्पीड 30 नॉटिकल माइल प्रति घंटे हैं। इसमें एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं।


INS Tushil: तलवार क्लास का फ्रिगेट है तुशील


आईएनएस तुशील तलवार क्लास का फ्रिगेट है। इस तरह के छह वॉरशिप पहले से ही नेवी में हैं। इसमें से तीन वॉरशिप पीटर्सबर्ग में और तीन रूस में ही बने। तुशील इस कटैगरी का सातवां जहाज है। इंडियन नेवी के प्रवक्ता कैप्टन विवेक मधवाल ने कहा कि वॉरशिप का नाम "तुशील" है, जिसका अर्थ है "सुरक्षात्मक कवच," और इसका चिन्ह "अभेद्य कवचम" (अभेद्य ढाल) का प्रतीक है।


INS Tushil: इसके साथ ही इसका आदर्श वाक्य "निर्भय, अभेद्य और बलशील" है। यह वॉरशिप भारतीय नौसेना की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह वॉरशिप 125 मीटर लंबा और 3900 टन वजनी है। इसका नया डिजाइन इसे उन्नत स्टेल्थ वॉरशिप बनाता है। इस वॉरशिप में स्वदेशी सामग्री 26% है।


INS Tushil: इस साल के अंत तक विशाखापट्टनम क्लास का चौथा और आखिरी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर भी इंडियन नेवी में कमिशन हो जाने की उम्मीद है। यह डिस्ट्रॉयर 7400 टन वजन का है और इसमें ब्रह्मोस मिसाइल लगी हैं। जो लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इसमें 32 बराक मिसाइल भी हैं जो 100 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती हैं।


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