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हिंदी दिवस 2024: कितनी पुरानी हिंदी भाषा, 14 सितम्बर को ही क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस, जरूर जानें

हिंदी दिवस 2024

रायपुर। आज हिंदी दिवस 2024 है। 14 सितम्बर 1949  को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को प्रशासनिक प्रणाली के भीतर स्थापित करने को मान्यता दी थी। आज हिंदी दुनिया के तमाम देशों में बोली जाती है। दुनियां में हिंदी बोलने वालों की तादाद कई अरब में है। अमेरिका और रूस जैसे देशों में भी आपको हिंदी बोलने वाले कई करोड़ की संख्या में मिल जाएंगे।  

हिंदी दिवस 2024 : कितनी पुरानी हिंदी भाषा 
असल में हिंदी  साहित्य को संस्कृत की बेटी मन जाता है और इसका इतिहास 769 ई. से माना जाता है। बदलते समय के साथ हिंदी  भाषा ने प्रमुखता हासिल की, जिसे शुरू में प्राचीन  हिंदी के नाम से जाना जाता था और यह दिल्ली के आस-पास के इलाकों में बोली जाती थी। यह दिल्ली की बोली का सबसे आरंभिक चरण है, जिसे आधुनिक हिंदी और उर्दू दोनों का पूर्वज मन जाता  है।


हिंदी दिवस 2024 की  क्या है थीम 

अब अगर हिंदी दिवस 2024 की थीम की बात करें,  तो इस वर्ष इसे मॉडर्न टेक्नोलॉजी से जोड़ते हुए  तैयार किया गया है। इस बार की थीम "हिंदी पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक" यानि  From Traditional Knowledge to Artificial Intelligence पर आधारित बताई जा रही है।

हिंदी दिवस 2024 :  कब मनाया गया था पहली बार  
दरअसल सन  1953 में, पहली मर्तबा  14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया था। इसका प्रमुख उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व और प्रचार - प्रसार को बढ़ावा देना था।  

14 सितम्बर को क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस 
यह दिन भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने का प्रतीक है ,  14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने  ऐसा निर्णय लिया था जिसके मुताबिक़  हिंदी ऐतिहासिक वोट भारतीय प्रशासनिक प्रणाली के भीतर स्थापित हुई थी।  ये एक महत्वपूर्ण निर्णय था।  

हिंदी ही क्यों है भारत की असली भाषा: 
भारत देश में जिस भाषा का उपयोग किया जाता है वह भाषा हिंदी है। आज हिंदी दुनिया के 150 से भी ज्यादा देशों में अरबों लोगों की प्रमुख भाषा है।  हिंदी को दुनिया भर के 200 विश्व विद्यालयों में पढ़ाया जाता है।  हिंदी का लोहा ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी माना है।  तभी तो उसने ऑक्सफ़ोर्ड डिक्सनरी में हिंदी के 70 से ज्यादा शब्दों को शामिल किया है।  
 
क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस:
भारत देश को आजाद होने के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था और 1953 से ही हिंदी भाषा को खास प्रचार समिति द्वारा हर साल मानते हैं। 

किसने अपनाया हिंदी भाषा को: 
भारत भारत ही नहीं अभी तो अन्य देशों ने भी अपनाया है हिंदी भाषा को डिजिटल युग में हिंदी का प्रचलन और भी बढ़ गया है इस दिन स्कूलों ,कॉलेज और पुस्तकालय में अनेक कार्यक्रम कराई जाती है जैसे पठन-पाठन , तर्क– वितर्क करना, वाद विवाद करना और सबसे ज्यादा पुस्तक पढ़ना आदि प्रतियोगिताएं कराई जाते हैं। 

हिंदी भाषा ही भारत की असल पहचान: 
अनेक भाषाएं बोली जाती है पर हिंदी भाषा ही एक ऐसी भाषा है जो सरकारी संस्था हो या प्राइवेट संस्था में या अन्य संस्थाओं पर इसका उपयोग किया जाता है।

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