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ट्रंप प्रशासन के कैबिनेट उम्मीदवारों की पुष्टि सुनवाई में तीखी बहस, तुलसी गैबार्ड और कश पटेल सवालों के घेरे में

तुलसी गैबार्ड

वॉशिंगटन, डी.सी. – अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कैबिनेट उम्मीदवारों को सीनेट की पुष्टि सुनवाई में कठिन सवालों का सामना करना पड़ा। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों दलों के सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक निष्ठा और पूर्व विवादों से जुड़े सवालों को लेकर उम्मीदवारों से तीखी पूछताछ की।

ट्रंप द्वारा राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के लिए नामित पूर्व डेमोक्रेटिक सांसद और सैन्य अधिकारी तुलसी गैबार्ड को उनके रूस और पुतिन पर दिए गए बयानों को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी। वहीं, एफबीआई निदेशक पद के लिए नामित कश पटेल को 6 जनवरी के कैपिटल हमले और QAnon से उनकी कथित संबद्धता को लेकर कड़े सवालों का सामना करना पड़ा।

रूस और पुतिन पर पुराने बयानों को लेकर तुलसी गैबार्ड पर सवाल

हवाई से पूर्व सांसद तुलसी गैबार्ड, जिन्होंने 2020 में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की दावेदारी के बाद 2024 में ट्रंप का समर्थन किया, को उनकी रूस-यूक्रेन युद्ध पर टिप्पणियों के कारण घेर लिया गया। डेमोक्रेटिक सीनेटर माइकल बेनेट ने गैबार्ड के पुराने बयान पढ़कर सुनाए, जिनमें उन्होंने कहा था कि नाटो के विस्तार को लेकर रूस की "वैध सुरक्षा चिंताएं" हैं।

"आपने एक अधिनायकवादी राज्य को यूक्रेन की शांति भंग करने को सही ठहराया है," बेनेट ने कहा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रूसी सरकारी मीडिया ने गैबार्ड को "हमारी दोस्त तुलसी" कहकर संदर्भित किया था। हालांकि, गैबार्ड ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अमेरिका के हितों को प्राथमिकता दी है।

एडवर्ड स्नोडेन पर गैबार्ड की चुप्पी

सुनवाई में सांसदों ने गैबार्ड से NSA व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन के समर्थन को लेकर भी सवाल किए। स्नोडेन ने अमेरिकी खुफिया दस्तावेज लीक किए थे और बाद में रूस भाग गए थे। गैबार्ड ने स्नोडेन को पहले "बहादुर" कहकर उनका समर्थन किया था और उन्हें माफ किए जाने की बात कही थी।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे स्नोडेन को गद्दार मानती हैं, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, "स्नोडेन ने कानून तोड़ा। उन्होंने अमेरिका की गोपनीय जानकारी सार्वजनिक की। मैं भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कदम उठाना चाहती हूं।"

बशर अल-असद से मुलाकात पर भी उठे सवाल

गैबार्ड को 2017 में सीरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद से मुलाकात के लिए भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उस समय असद की सरकार को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल सहित मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा झेलनी पड़ रही थी। गैबार्ड ने अपनी यात्रा को सही ठहराते हुए कहा, "मैंने असद से उनके शासन के कार्यों को लेकर कठिन सवाल पूछे थे," लेकिन सांसदों ने तर्क दिया कि उनकी यात्रा ने सीरियाई तानाशाह को वैधता प्रदान की।

एफबीआई निदेशक पद के लिए कश पटेल की सुनवाई में विवाद

ट्रंप के एफबीआई निदेशक पद के लिए नामित कश पटेल को भी तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। पटेल, जो ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पदों पर काम कर चुके हैं, पर 6 जनवरी के कैपिटल दंगे के दोषियों के प्रति सहानुभूति दिखाने के आरोप लगे।

डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने पटेल से पूछा, "क्या ट्रंप द्वारा 6 जनवरी के सभी दोषियों को माफी देना गलत था?" पटेल ने ट्रंप की सीधे आलोचना करने से इनकार करते हुए कहा, "मैं हमेशा कानून प्रवर्तन पर किसी भी प्रकार के हमले की निंदा करता हूं, जिसमें 6 जनवरी की घटनाएं भी शामिल हैं।" हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा कि वे ट्रंप के फैसले से असहमत हैं।

कट्टरपंथी विचारों और QAnon से जुड़े सवालों पर पटेल का जवाब

पटेल ने खुद को मध्यम मार्ग अपनाने वाला नेता बताने की कोशिश की और कहा कि अगर वे एफबीआई निदेशक बने, तो उनका ध्यान मुख्य रूप से हिंसक अपराधों की जांच पर रहेगा। "अगर मेरी नियुक्ति होती है, तो मैं एफबीआई की मूल जिम्मेदारियों पर केंद्रित रहूंगा—संवैधानिक और कानूनी आधार पर पूरी तरह से जांच करूंगा," पटेल ने कहा।

हालांकि, उनके अतीत में "गवर्नमेंट गैंगस्टर्स" नामक पुस्तक लिखने और QAnon साजिश सिद्धांतों से जुड़े होने को लेकर सांसदों की चिंता बनी रही।

सुनवाई में तीखी बहस, ट्रंप की नीतियों पर छाया विवाद

गैबार्ड और पटेल दोनों की सुनवाई अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक ध्रुवीकरण के मुद्दों को उजागर करने वाली रही। ट्रंप प्रशासन के इन नामांकनों को लेकर डेमोक्रेट्स और कुछ रिपब्लिकन सांसदों के बीच भी मतभेद नजर आए। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सीनेट इन नामांकनों को मंजूरी देगा या नहीं, लेकिन इन सुनवाइयों ने ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताओं और उसकी नीतियों पर गंभीर बहस छेड़ दी है।

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