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हर्षित सिंघानिया ने दी सभी प्रदेशवासियों को पोरा त्यौहार की शुभकामनाएँ

"हर्षित सिंघानिया का पोरा त्यौहार पर शुभकामनाएँ और त्यौहार की महत्ता पर संदेश।"

रायपुर के युवा समाजसेवी हर्षित सिंघानिया ने सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी हैं।

रायपुर, 2 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ में विशेष तौर पर मनाए जाने वाले पोरा त्यौहार के अवसर पर, रायपुर के युवा समाजसेवी हर्षित सिंघानिया ने सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी हैं। हर्षित सिंघानिया ने इस त्यौहार की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे हमारे जीवन में पशुधन के महत्व का प्रतीक बताया।

हर्षित सिंघानिया ने अपने संदेश में कहा, "पोरा का त्यौहार हमारे जीवन में पशुधन के महत्व को दर्शाता है और उसकी सेवा करने की सीख देता है। यह पर्व हमारी संस्कृति और परंपराओं का सजीव उदाहरण है, जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है।"

उन्होंने आगे कहा, "यह त्यौहार आपके जीवन में सुख और समृद्धि लाए, और इस वर्ष भी फसल अच्छे से उगे, यही मेरी कामना है। इस पर्व के माध्यम से हम अपने पशुधन के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं।"

हर्षित सिंघानिया, जो कि रायपुर के जाने-माने समाजसेवी और समाज के एक जागरूक व्यक्ति हैं, इस अवसर पर अपने संदेश में यह भी कहा कि पोरा त्यौहार हमारे समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने इस पर्व को हर्ष और उल्लास के साथ मनाने की अपील की और कहा कि हमें अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए इस तरह के पर्वों का सम्मान करना चाहिए।

पोरा त्यौहार छत्तीसगढ़ में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें किसान अपने बैलों को सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस पर्व का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह किसानों के लिए एक नई फसल की तैयारी का समय होता है, और इस दिन वे अपने पशुधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

रायपुर की जनता ने हर्षित सिंघानिया के इस संदेश का स्वागत किया है और पोरा त्यौहार को और भी हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी कर रही है। हर्षित सिंघानिया का यह संदेश समाज के सभी वर्गों में एक सकारात्मक संदेश फैलाने का प्रयास है, जिससे सभी लोग अपने पशुधन और परंपराओं के प्रति समर्पण को समझें और उसे आगे बढ़ाएं।

इस अवसर पर हर्षित सिंघानिया ने कहा कि समाज के विकास में सभी का योगदान महत्वपूर्ण है, और ऐसे पर्व हमें एक दूसरे के करीब लाते हैं, जिससे समाज में प्रेम और सौहार्द की भावना बनी रहती है।

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