Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, जानिए 6 या 7 सितंबर कब रखा जाएगा व्रत…पढ़े ये खबर
- Sanjay Sahu
- 31 Aug, 2024
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, जानिए 6 या 7 सितंबर कब रखा जाएगा व्रत…पढ़े ये खबर
Ganesh Chaturthi: नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. इस साल गणेश चतुर्थी की तिथि 6 सितंबर से शुरू होकर 7 सितंबर तक रहने वाली है. ऐसे में भक्तों को गणेश चतुर्थी के व्रत को लेकर यह उलझन हो रही है कि किस दिन गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाना है. यहां जानिए उदया तिथि के अनुसार व्रत रखने का सही दिन कौनसा है और किस तरह गणेश चतुर्थी की पूजा की जा सकती है.
Ganesh Chaturthi: किस दिन रखा जाएगा गणेश चतुर्थी का व्रत
Ganesh Chaturthi: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर, शुक्रवार की दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन 7 सितंबर, शनिवार दोपहर 2 बजकर 6 मिनट पर रहने वाली है. उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत 7 सितंबर के दिन ही रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखना शुभ होगा और इसी दिन से भगवान गणेश की पूजा-आराधना की जा सकेगी. इसके पश्चात 17 सितंबर, मंगलवार के दिन अनंत चतुर्दशी के साथ गणेशोत्सव का समापन होगा.
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त
Ganesh Chaturthi: इस साल 7 सितंबर, शनिवार के दिन गणेश चतुर्थी की पूजा की जाएगी. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट के बीच है. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने पर भगवान गणेश की विशेष कृपा भक्तों को मिलती है.
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी पर बन रहे हैं शुभ योग
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी पर इस साल कुछ शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. शुभ योग में पूजा करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है. ये तीनों ही योग बेहद शुभ होते हैं और फलदायी माने जाते हैं.
Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी की पूजा
Ganesh Chaturthi: मान्यतानुसार गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को घर लाया जाता है. भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना इस दिन लकड़ी की चौकी पर की जाती है. इसके पश्चात अगले कुछ दिन भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है और अनंत चतुर्दशी पर बप्पा को घर से ‘अगले बरस जल्दी आना रे’ कहकर विदा कर दिया जाता है. गणेश चतुर्ती की पूजा में गणपति बप्पा के माथे पर तिलक लगाया जाता है, पंचामृत से स्नान कराया जाता है, पूजा समाग्री में अक्षत, जनेउ, चंदन, धूप, दीप, पुष्प, फल और दूर्वा आदि चढ़ाए जाते हैं और आरती करके पूजा संपन्न की जाती है.