ED Action: ED का बड़ा एक्शन: नेता की बढ़ी टेंशन, आलीशान बंगला, होटल और महंगी कारों सहित 55 करोड़ की संपत्ति जब्त
- Sanjay Sahu
- 07 Sep, 2024
ED Action: ED का बड़ा एक्शन: नेता की बढ़ी टेंशन, आलीशान बंगला, होटल और महंगी कारों सहित 55 करोड़ की संपत्ति जब्त
ED Action: नई दिल्ली: पूर्व DMK नेता पर ED ने बड़ा एक्शन लिया है. जांच एजेंसी ने उनका आलीशान बंगला, होटल और महंगी कारों सहित 55 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है. ईडी ने यह एक्शन डीएमके के पूर्व पदाधिकारी जाफर सादिक और उनके सहयोगियों से संबंधित संपत्ति पर लिया है. पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 14 अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं. जेएसएम रेजीडेंसी होटल के अलावा एक आलीशान बंगला, जगुआर और मर्सिडीज जैसी 7 महंगी गाड़ियां भी जब्त की गई हैं. जांच एजेंसी का दावा है कि संपत्तियों को आपराधिक गतिविधियों के जरिए हासिल किया गया था.
ED Action: प्रवर्तन निदेशालय ने सादिक और उसके सहयोगियों की 55.30 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. यह एक्शन एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग गिरोह के स्यूडोएफेड्राइन और केटामाइन की तस्करी की जांच के बाद लिया गया है, जिसका सरगना जाफर सादिक बताया जा रहा है. एनसीबी और कस्टम विभाग की जांच के आधार पर ईडी ने तमिलनाडु में 15 ठिकानों पर तलाशी ली है.
ED Action: ईडी की जांच से पता चला है कि जाफर सादिक अपने भाई मोहम्मद सलीम और अन्य लोगों के साथ मिलकर स्यूडोएफेड्रिन और अन्य मादक पदार्थों के निर्यात और छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल था. वह अन्य व्यक्तियों और रिश्तेदारों के साथ कई फर्मों/संस्थाओं/कंपनियों का निदेशक/भागीदार है. इसका इस्तेमाल अपराध की आय को चैनलाइज करने के लिए किया गया.
ED Action: ईडी के मुताबिक इस पूरे सेट अप का इस्तेमाल अवैध ड्रग तस्करी से होने वाली आय को रूट करने के लिए किया गया था. इसलिए, जाफर सादिक को ईडी ने 26 जून, 2024 को गिरफ्तार किया और उसके भाई मोहम्मद सलीम को 12 अगस्त को गिरफ्तार किया गया.
ED Action: ईडी की जांच में यह भी पता चला कि जाफर सादिक और उसके सहयोगियों ने अपने ड्रग कारोबार से प्राप्त अपराध की आय को रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण, हॉस्पिटैलिटी और लॉजिस्टिक्स सहित कई वैध उपक्रमों में निवेश किया था.
ED Action: बताया जा रहा है कि बैंक खातों के एक नेटवर्क के माध्यम से इन निवेशों में रकम को शामिल किया गया था, जिसमें सादिक और उसके परिवार के सदस्यों के खाते भी शामिल थे. उन्होंने अवैध नकदी को जमा किया, फाइनेंसरों के जरिए से स्तरीकृत किया और आर्थिक विवरणों में असुरक्षित लोन के रूप में दर्ज किया गया.