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घरघोड़ा में पांव पसारते नशे का कारोबार, नशा महंगा हो या सस्ता मौज में कोई अंतर नहीं

घरघोड़ा

घरघोड़ा में पांव पसारते नशे का कारोबार, नशा महंगा हो या सस्ता मौज में कोई अंतर नहीं

गौरी शंकर गुप्ता/घरघोड़ा- हेरोइन चरस कोकिन जैसे महँगे मादक पदार्थों के सेवन में भले ही अमीरों की जमात ज्यादा हो परंतु बाजार में सस्ता में सस्ता भी मौजूद हैं। महानगरी सभ्यता में देर रात तक चलने वाली बड़ी बड़ी पार्टियों में नशा करना उनकी रुतबा का पर्याय बन गया है। यहां तो नशा का आलम देखने को तो मिलता ही है सड़कों पर भी इसे देखा जा सकता है नशा महंगा हो या सस्ता मौज में कोई अंतर नहीं। आज नशे में गिरफ्त में अमीर ही नहीं है गरीबों की भी भरमार देखी जा सकती है क्षेत्र में अधिकार दिहाड़ी मजदूर खेला घूमती वाले गांजा की धुऐ को निकल कर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। 



महंगाई में चावल-दाल पेट्रोल डीजल भले ही महंगा हो गया है लेकिन पकड़ो की पसंद गांजा अब भी पांच ₹10 में पुड़िया में उपलब्ध है। सबसे सस्ते नशे की चर्चा हो रही है तो जूता चप्पल चिपकाने की सलूशन और नींद की गोली  नाइट्रोट्रेन की जिक्र ना करना बेमानी होगी हालांकि इन सब का विपरीत असर भी है जो बाद में अस्पताल पहुंचकर समझ में आता है.


क्षेत्र में महंगे मादक पदार्थ के शौकीन शायर है पर गांजा जैसे सस्ता नशा का जुगाड़ यहां आसानी से उपलब्ध है रोजमर्रा की वस्तुओं की तरह शराब और सिगरेट भी कभी बंद और हड़ताल में उपलब्ध ना हो पर  गांजा की हड्डी खुले रहते हैं और ग्राहकों की सेवा में कोई अंतर नहीं होता 5 की बजाय ₹10 की पुड़िया में गांजा भले ही ज्यादा हो पर नशा समाज ही होता है.



 गांजा के शौकीन निम्नवर्ग की फक्कड़ भी हैं गांजा पीने वाले के मुताबिक गांजे में नशा तो आता ही है पर गांजा पीकर आदमी बहकता नहीं है। गंजेड़ी और शराबी में समानता नहीं होती साथ में सस्ता भी मिलता है इसका वास्तविकता मजा तभी आता है जब उसे बांटकर पिया जाता है। अकेले में चिलम में दम लगाने की हिम्मत किसी की नहीं होती कुछ लोग इसे सिगरेट में भर कर पीते हैं पर वह महंगा पड़ता है। वही इस अवैध धंधे में पुलिस की भी मोटी कमाई से इनकार नहीं किया जा सकता नगर में अधिकांश वार्ड में फैले नाली बिजली पानी की समस्या पर गांजे की अडडे वार्ड में मिल जाएगी कई जगह गांजा के तस्कर पकड़े जाते हैं इसी से पता चलता है कि सस्ता नशा की बिक्री बहुत मात्रा में होती है गांजा उड़ीसा प्रांत सड़क मार्ग से पहुंचता है नशेड़ियों का कहना है कि कभी ऐसा नहीं हुआ कि गांजा नहीं मिला अगर अड्डे का संचालक पकड़ा भी जाए तो दूसरे सदस्य गांजा उपलब्ध कराते हैं। 



गांजा का सबसे बड़ा बाजार झरियापाली सुमडा कुदारी व चारभटा बाजार का आदी है सस्ते नशे में नाइट्रोट्रेन गोली भी युवाओं के लिए खास बन चुकी है रोली सस्ता होने के साथ ही सेवन करने मशक्कत नहीं करनी पड़ती मेडिकल में लो और मुंह में डाल लो कुछ मिनट में ही शरीर में ताकत आ जाती है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि नशे की गोली कुछ  मेडिकल स्टोर में अवैध रूप से बिना डॉक्टर की पर्ची दे दी जाती है। हालांकि इसे वास्तविक दाम से अधिक वसूलते हैं इधर विश्वस्त सूत्रों से खबर मिल रही है कि अब तो इस क्षेत्र में पूंजीपथरा में संचालित एक ढाबे में महंगी नशीले पदार्थ ड्रग्स सप्लाई युवाओं को की जा रही है जिसकी जानकारी पुलिस विभाग को मिल चुकी है किंतु पुलिस को रंगे हाथों पकड़ने के लिए अपनी पैनी नजर जमाए हुए हैं और इस मामले में पुलिस को सफलता मिलने की संभावना है।

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