DRDO Hypersonic Missile Test: DRDO का हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण सफल: दुश्मन के ठिकानों पर 1500 किमी तक सटीक हमला करने में सक्षम
DRDO Hypersonic Missile Test: नई दिल्ली। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह परीक्षण शनिवार, 16 नवंबर को ओडिशा के तटीय डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए DRDO की टीम को बधाई दी।
1500 किमी से अधिक की मारक क्षमता
यह स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल 1500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है। यह मिसाइल विभिन्न प्रकार के पेलोड ले जा सकती है और घातक हथियारों से लैस होकर दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने में सक्षम है। इसे भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है।
स्वदेशी तकनीक से निर्मित
मिसाइल को DRDO की हैदराबाद स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स और अन्य DRDO लैब्स ने भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से पूरी तरह स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके विकसित किया है। इस तकनीक ने एडवांस हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की लागत को भी कम कर दिया है।
DRDO Hypersonic Missile Test: वैज्ञानिक और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति
परीक्षण के दौरान DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिक और भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारी भी मौजूद थे। यह मिसाइल परीक्षण भारत को हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक स्तर पर देश की रक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता को भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। DRDO के इस कामयाब परीक्षण ने भारत को हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है और देश की रक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाया है।