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दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा: राहुल गांधी की नागरिकता पर स्वामी की शिकायत का जवाब क्यों नहीं दिया?

Rahul Gandhi's citizenship

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर अब तक जवाब क्यों नहीं दिया गया, जिसमें दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेदेला की डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) चेतन शर्मा से इस मामले में निर्देश लेने को कहा। कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 मार्च के लिए तय की है।

सुनवाई के दौरान स्वामी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के बारे में शिकायत की थी। इसके जवाब में सरकार ने गांधी को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता क्यों है। स्वामी ने कहा, "भारतीय कानून के तहत कोई भी भारतीय किसी अन्य देश का नागरिक नहीं हो सकता। गांधी ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया, न ही सरकार ने कोई रिमाइंडर भेजा और न ही कोई कार्रवाई की। सरकार को अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए।"

कोर्ट ने ASG शर्मा से कहा, "याचिका में मुख्य मुद्दों पर फैसला लेने की मांग नहीं की गई है, न ही दिल्ली और न ही इलाहाबाद में लंबित मामलों में। स्वामी सिर्फ अपनी शिकायत पर कार्रवाई के लिए निर्देश चाहते हैं। इस पत्र की प्रक्रिया की स्थिति पर निर्देश लें।" कोर्ट ने सरकार को स्वामी की याचिका के साथ संलग्न 2019 के गृह मंत्रालय के पत्र (एनक्चर P2) पर विशेष ध्यान देने को कहा।

सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय से गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने के लिए अपनी शिकायत पर फैसला लेने की मांग की है। स्वामी ने 2019 में गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा था कि 2003 में यूनाइटेड किंगडम (UK) में 'बैकऑप्स लिमिटेड' नाम की एक कंपनी रजिस्टर हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशक और सचिव थे। कंपनी के 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 के वार्षिक रिटर्न में गांधी की राष्ट्रीयता 'ब्रिटिश' बताई गई थी। इसके अलावा, 17 फरवरी 2009 को कंपनी के विघटन आवेदन में भी उनकी नागरिकता ब्रिटिश दर्ज की गई थी।

कोर्ट ने मामले को 26 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया है ताकि ASG चेतन शर्मा सरकार से पूरी जानकारी लेकर कोर्ट को अवगत करा सकें। कोर्ट ने कहा कि स्वामी की याचिका और संलग्न दस्तावेजों, खासकर गृह मंत्रालय के 2019 के पत्र को ध्यान में रखते हुए निर्देश प्राप्त किए जाएं।  

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