बदहाल सड़के गड्ढों में भरे पानी में कांग्रेस ने चलाई नव, आप पार्टी ने लगाएं बीजेपी के झंडे
भोपाल। राजधानी भोपाल में ढाई महीने से तेज बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश से शहर की सभी प्रमुख सड़के खराब हो गई हैं। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिससे राहगीरों का सड़कों पर चलना दुश्वार होता जा रहा है। शहर सरकार और पीडब्ल्यूडी फटकार लगने के बाद भी सड़कों की कोई सुध नहीं ले रही है। जिससे अब विपक्ष के नेताओं ने सड़कों का विरोध करने का अनोखा तरीका निकाला है। जर्जर सड़क की मरमत कराए जाने की मांग को लेकर ऐशबाग क्षेत्र के रहवासियों ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ अनोखा प्रदर्शन किया। ऐशबाग स्टेडियम की मुय सड़क के गड्ढों में जमा पानी में कागज की नाव बनाकर चलाई गई। ये रोड केपिटल पेट्रोल पंप के पास निकलती है।
कांग्रेसी नेता शावर खान ने बताया खराब पड़ी सड़क और वार्डो की उखड़ी पड़ी सड़कों कों बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। निगम आयुक्त को इसे लेकर ज्ञापन भी दिया। ऐशबाग से बाग फरहत अफजा होते पुल बोगदा की और निकलने वाली सड़कें बेहद खराब है। कई बार शिकायत करने के बावजूद सड़क निर्माण नहीं किया जा रहा। महापौर और स्थानीय पार्षद लोगों की गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर आगे भी ऐसा ही रहा तो जल्द ही कांग्रेस महापौर का घेराव करेगी।
खराब सड़कों के गड्ढे में आम आदमी पार्टी ने लगाएं बीजेपी के झंडे
राजधानी भोपाल की सड़के बारिश में खराब हो गई है। खराब सड़को की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। शहर में अब विपक्षी पार्टियों ने ख़राब और खस्ताहाल सड़कों को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने के लिए अनोखा तरीका निकाला हैं। आज राजधानी भोपाल के वार्ड क्रमांक 82 की सड़कों में हो रहे गड्ढों का आम आदमी पार्टी ने अनोखे अंदाज में विरोध जताया और जनता और प्रशासन को जागरूक करने का अभियान चलाकर सड़को पर हो रहे बड़े बड़े गड्ढों में बीजेपी के झंडे लगाकर सड़कों की बदहाली पर अपना विरोध जाहिर किया।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि शहर के जेके हॉस्पिटल के समीप जॉन क्रमांक 18 में कुछ दिन पहले ही सड़क बनी है, जिसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, उसकी वजह से सड़क जगह जगह से उखड़ गई है। और पूरी सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। शहर के लोग अस्पताल आने जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं लेकिन बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।