बैलाडीला में मां दुर्गा की चुनरी यात्रा: एक ऐतिहासिक पल, इन्होने इस यात्रा को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई
- Sanjay Sahu
- 14 Oct, 2024
बैलाडीला में मां दुर्गा की चुनरी यात्रा: एक ऐतिहासिक पल, इन्होने इस यात्रा को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई
फकरे आलम बचेली -बैलाडीला नगर परिवार की आस्था श्रद्धा का प्रमुख देवस्थल श्री राघव मंदिर किरंदुल का शिलान्यास दिनांक 26-3-1969 दिन बुधवार,श्री रामनवमी तिथि में किया गया था और श्री राम मंदिर गर्भगृह में विराजमान समस्त मूर्तियों( श्रीराम दरबार , भगवान श्रीकृष्ण राधा, भगवान श्री विष्णु लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश , भगवान श्री शिव जी आदि) की प्राण-प्रतिष्ठा दिनांक 15-5-1972 दिन सोमवार, तिथि शुक्ल पक्ष अक्षय तृतीया को नगर परिवार के पूर्व समाज सेवक, अध्यात्मिक धार्मिक विचार धारा, संस्कारवान, बुद्धिजीवियों बुजुर्गों ने प्रबंधन और नगरपरिवार के सहयोग से किये ।
चूंकि बैलाडीला भारत सरकार का एक उपक्रम होने के कारण यहां पर विभिन्न प्रांतो, क्षेत्रों, भाषाओं आदि के नागरिक यहां पर एनएमडीसी में सर्वीस करते हैं और नगरपरिवार में से अनेकों अपनी अपनी सुविधानुसार व्यवसाय भी करते हैं जिसके कारण इस नगर को मिनी इंडिया या छोटा भारत भी कहा जाता है ।
समय-समय अनुसार अपने-अपने धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान अय्यप्पा मंदिर, मां दुर्गा मंदिर ,मां काली मंदिर, गयात्री सत्संग कक्ष,छठ घाट , भगवान जगन्नाथ मंदिर, भगवान बालाजी मंदिर, नवग्रह मंदिर आदि की प्रबंधन और नगरपरिवार के सहयोग से मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा एवं स्थापित कर साल के 365 दिन दैनिक पूजा अर्चना के अतिरिक्त विशेष पर्वों में बैलाडीला देव स्थान परिसर से जुड़े हुए सभी इकाई समितियां के द्वारा विशेष पूजा अर्चना, हवन आरती , भंडारा, ज्ञानमार्गी सत्संग, भजन कीर्तन, बुद्धिजीवी विचार गोष्ठी, श्रीराम कथा, श्रीमद्भागवत कथा, यज्ञ, भगवान अय्यप्पा पूजा,भगवान बालाजी कल्याणम, भगवान जगन्नाथ पूजा, मां काली पूजा, दोनों नवरात्रि की देवी पूजा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, श्रीशिवरात्रि, राम जन्मोत्सव, सूर्य पूजा, नवग्रह पूजा, आदि कार्यक्रम यहां पर संपादित होते रहते हैं इन सभी धार्मिक अध्यात्मिक ज्ञानमार्गीय , प्रेरणादायक आदि कार्यक्रमो के चलते इस दण्डकारण्य बैलाडीला क्षेत्र का यह मंदिर परिसर देवधाम बन गया है ।
नवरात्रि पर्व का शुभारंभ नगर परिवार के पूज्यनीय रहे आचार्य पंडित अरुण प्रसाद पांडेय जी की प्रेरणा से बैलाडीला देवस्थान समिति के तत्वावधान में दोनों नवरात्रि में मनोकामना ज्योति कलश स्थापित प्रज्वलित करने की परंपरा प्रारंभ की गई सर्वप्रथम प्रथम मनोकामना ज्योति कलश किरंदुल परियोजना के हायर सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत श्री के पी साहू सर परिवार और प्रशासनिक भवन में कार्यरत श्री एस आर नाग (श्रीमती अंजलि नाग) परिवार के द्वारा स्वयं अपने घर से तीन-तीन लीटर तेल बैलाडीला देव स्थान समिति को प्रदान कर जगत जननी मां दुर्गा और मां काली के चरणों में आज से लगभग 10-15 वर्ष पूर्व प्रारंभ की गई थी इसके पश्चात दो कलश से बढ़ कर 7 की संख्या में पहुंची और 7 से बढ़कर 11 हुए और 11 से 21 हुए 21 से 51 हुए और धीरे-धीरे आज वर्तमान में 400 से 500 के बीच मनोकामना ज्योति कलश दोनों नवरात्रि में नगर परिवार यहां स्थापित करते हैं और पूरे 9 दिन सुबह शाम यज्ञ हवन आरती पूजा पाठ भोग भंडारा कन्या भोज आदि कर नवरात्रि पर्व से लाभान्वित होते हैं।
उपरोक्त विवरण अनुसार सन 1972 में इस मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी दरबार की प्राण प्रतिष्ठ के पश्चात किरंदुल में पहली बार वर्तमान शारदीय नवरात्रि के अष्टमी तिथि अर्थात 10-10-2024 को नगर परिवार के मातृ-शक्तियों, भक्तजनों के सुझाव अनुसार बैलाडीला देव स्थान समिति और गायत्री परिवार के संयुक्त तत्वाधान में नगर समाज सेवक एवं प्रतिष्ठित सेवादार परिवार श्री राजेश राव ( ज्योति क्लाथ) परिवार मेंन मार्केट के द्वारा 50 मीटर माता रानी की चुनरी मां दुर्गा / मां काली को समर्पित बैलाडीला देव स्थान को भेंट किये जाने पर नगर परिवार की सुख शांति समृद्धि एवं मंगलकामनाएं हेतु नगर परिवार के समस्त मातृ शक्तियों, माताओं-बहनों, बालिकाओं तथा श्रद्धालु भक्त जनों की गरिमामय उपस्थिति में चुनरी यात्रा निकली गई जो कि किरंदुल के लिए ही नहीं इस दंतेवाड़ा, बस्तर जिला आदि के लिए भी एतिहासिक पल था ।
अष्टमी की दोपहर किरंदुल में अधिक धूप होने से मौसम
बहुत गर्म था और अधिकतर माताओं-बहनों एवं मातृ-शक्तियों में से अष्टमी व्रत उपवास रखें हुए थे लेकिन आस्था श्रद्धा के सामने माताओं-बहनों में चुनरी यात्रा के लिए उत्साहित वातावरण बना हुआ था खाली पैर बगैर चप्पल पहने किरंदुल शहर का भ्रमण किये जगह जगह नगर परिवार ने पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद लिए।
बैलाडीला देवस्थान समिति और गायत्री परिवार ने नगर परिवार के समस्त श्रद्वालुओं, मातृ-शक्तियों को इस चुनरी यात्रा को सफल बनाने में गरिमामय उपस्थिति एवं सहयोग के लिए दिल से आभार व्यक्त किया है ।
चुनरी दानदाता किरंदुल समाज सेवक एवं प्रतिष्ठित सेवादार भाई श्री राजेश राव ज्योति क्लाथ परिवार का भी बैलाडीला देवस्थान समिति और गायत्री परिवार ने दिल से धन्यवाद दिया है, जिनके अथक प्रयास एवं सहयोग से समय पर 50 मीटर का चुनरी बहुत ही कम समय पर समिति को उपलब्ध कराये।