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छत्तीसगढ़ न्यूज़: आईपीएस जीपी सिंह का प्रमोशन, एडीजी से डीजी बने

छत्तीसगढ़

रायपुर: छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को डीजी (डायरेक्टर जनरल) के पद पर पदोन्नति मिल गई है। डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक में प्रमोशन को मंजूरी दी गई, और जल्द ही इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी होने की संभावना है।

हाल ही में बहाल हुए जीपी सिंह के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

20 दिसंबर को दी थी ज्वाइनिंग

20 दिसंबर को जीपी सिंह ने अपनी सेवा में वापसी की, जब केंद्र सरकार और राज्य गृह मंत्रालय से उनकी बहाली का आदेश जारी हुआ। इससे पहले, छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उन पर भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के आरोप लगे थे, जिसके चलते उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) दे दी गई थी।

इसके खिलाफ उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः अपनी सेवा में फिर से बहाल होने में सफल रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका खारिज की

जीपी सिंह की सेवा में वापसी का मार्ग तब प्रशस्त हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। 13 दिसंबर को वह राजधानी पहुंचे, जहां उनके परिवार और समर्थकों ने उनकी वापसी पर जश्न मनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर को अपने आदेश में उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति को रद्द करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

भ्रष्टाचार और राजद्रोह के आरोपों में हुई थी गिरफ्तारी

1 जुलाई 2021 को एसीबी (ACB) की टीम ने जीपी सिंह के सरकारी बंगले समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति और संवेदनशील दस्तावेज मिलने का दावा किया गया था। इस जांच के आधार पर: भ्रष्टाचार के आरोप में एसीबी ने एफआईआर दर्ज की।

5 जुलाई को उन्हें निलंबित कर दिया गया और 8 जुलाई को राजद्रोह का केस दर्ज हुआ।

संघर्ष के बाद मिली जीत

जीपी सिंह देश के पहले ऐसे आईपीएस अधिकारी हैं, जो लंबी कानूनी लड़ाई लड़कर दोबारा सेवा में लौटे हैं। उनकी बहाली के बाद अब डीजी के पद पर प्रमोशन उनकी पेशेवर यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

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