छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव: वोटिंग के साथ जनता का फैसला ईवीएम में कैद

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के तहत मंगलवार को 173 नगर निकायों के लिए मतदान हुआ, जिसमें 10 नगर निगमों के मेयर पद के लिए भी वोटिंग की गई। इस बार महापौर पद के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
रायपुर से दुर्ग, अंबिकापुर से बस्तर, रायगढ़ से राजनांदगांव, कोरबा से बिलासपुर और धमतरी से चिरमिरी तक महापौर पद के लिए वोटिंग हुई। इसके साथ ही 49 नगर परिषदों और 114 नगर पंचायतों के लिए भी मतदान हुआ।
सुबह 8 बजे से शुरू हुआ मतदान
मतदान की प्रक्रिया सुबह 8 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चली, हालांकि कई स्थानों पर शाम 6 बजे तक भी वोटिंग जारी रही। इस बार कुल 5,970 मतदान केंद्र बनाए गए, जिनमें से 1,531 को संवेदनशील और 132 को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया। रायपुर में 49.55 प्रतिशत वोटिंग हुई, जबकि गौरेला पेंड्रा मरवाही में 77.40 फीसदी, जशपुर में 71.40 फीसदी, बस्तर में 70.43 फीसदी और दंतेवाड़ा में 70.23 फीसदी मतदान हुआ।
हंगामे की घटनाएं
हालांकि, चुनाव के दौरान कई स्थानों पर हंगामे की घटनाएं भी देखने को मिलीं। रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड में वोटिंग के दौरान मतदाता सूची में नाम न होने की शिकायत पर तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई। धमतरी में भी ईवीएम में खराबी की शिकायतें आईं, जिसके चलते मतदान केंद्रों पर बवाल हुआ।
बिलासपुर में वोटर्स की नाराजगी
बिलासपुर के हीरानगर इलाके में मतदान के दौरान बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स के लिए व्हील चेयर की सुविधा न होने के कारण वोटर्स नाराज हो गए।
दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट
दंतेवाड़ा में चुनाव के बीच नक्सलियों द्वारा आईईडी ब्लास्ट की घटना भी हुई, जिसमें सीआरपीएफ के प्रधान आरक्षक घायल हो गए। इस प्रकार, छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में मतदान के साथ-साथ कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा।