CG News: छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी, 1.60 लाख मीट्रिक टन खरीदी की संभावना, प्रति क्विंटल 31 सौ का होगा भुगतान

- Pradeep Sharma
- 06 Oct, 2025
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए नई धान खरीदी और कस्टम मिलिंग नीति तैयार कर ली है। यह नीति जल्द ही राज्य की कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश की जाएगी। खरीफ सीजन में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए नई धान खरीदी और कस्टम मिलिंग नीति तैयार कर ली है। यह नीति जल्द ही राज्य की कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश की जाएगी। खरीफ सीजन में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने की संभावना है। इस बार प्रदेश में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए पहले कैबिनेट की बैठक में धान उपार्जन नीति को मंजूरी मिलेगी। वहीं एग्रीस्टेक, एकीकृत किसान पोर्टल पर किसानों का पंजीयन भी शुरू हो गया है। पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीदी की जाएगी।
CG News: धान बेचने वाले किसानों को प्रति क्विंटल 31 सौ का भुगतान होगा। मामले में कृषि मंत्री रामविचार नेताम का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- हमारी सरकार ने जो वादा किया उसे पूरा कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नवंबर माह से धान खरीदी होगी। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करेंगे। प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है। इसके बाद भी धान खरीदी की शुरुआत नवंबर से करेंगे।
CG News: छत्तीसगढ़ सरकार की वर्ष 2025-26 के लिए नई धान उपार्जन नीति और कस्टम मिलिंग नीति बनकर तैयार है। बताया गया है कि नीति के प्रारूप को इसी महीने दीपावली के पहले होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह नीति लागू होगी। खास बात ये है कि इस बार धान उपार्जन करने वाली सोसाइटियों और मिलिंग करने वाले मिलरों को सरकार कुछ राहत दे सकती है।
CG News: सूत्रों के अनुसार, धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग नीति को राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। समिति ने इसे अपने स्तर पर मंजूरी दे दी है, लेकिन दोनों नीतियों को लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी अनिवार्य है। छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी की शुरुआत नवंबर से संभावित है। इस बार धान बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन टोकन मिलेगा। यही नहीं, किसानों में छोटे और सीमांत किसानों का धान भी पहले खरीदा जाएगा।