कटघोरा। CG NEWS: भगवान के बाद डॉक्टर को दूसरा माना गया है जो लोगो को नया जीवन प्रदान करते हैं। डॉक्टर मरीजो के स्वास्थ्य को लेकर कोई समझौता नहीं करते बल्कि उनका बेहतर इलाज कर ठीक करते हैं।कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ आर्थो सर्जन डॉ हिमांशु खुटिया मरीजो को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान कर मरीजो को नया जीवन प्रदान कर रहे हैं।वही स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कुछ डॉक्टर्स मरीजो की भावनाओ का मख़ौल उड़ाने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं।जी हां, यहाँ पदस्थ कुछ डाक्टर्स व नर्स अपने ओहदों में इस कदर मसगुल है कि इन्हें मरीजो के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं है तथा ये मरीजो को चिकित्सा सुविधा प्रदान करना भी उचित नही समझते।
CG NEWS: आपको बता दे कि कटघोरा का स्वास्थ्य केंद्र सरकारी अस्पताल है जहां सभी वर्गों सहित खासकर असहाय गरीब लोगो के ईलाज हेतु सरकार विभिन्न योजनाए संचालित कर उन्हें निःशुल्क उपचार प्रदान करने लगातार प्रयासरत है, लेकिन यहां कुछ डाक्टर्स अस्पताल आने वाले मरीजो के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं मानो वे सरकारी अस्पताल पहुचकर कोई गुनाह कर दिए हो..अस्पताल वो मंदिर है माना जाता है जहाँ डॉक्टरों की पूजा होती है उन्हें स्मरण किया जाता है,क्योकि अस्पताल में डॉक्टर ही भगवान होते है ।
CG NEWS: कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां मरीज ईलाज कराना मुनासिब नही समझते थे वही डॉ हिमांशु की पदस्थापना बाद से मानो अस्पताल को अलादिन का चिराग मिल गया हो,अब यहां लोग बडी मात्रा में उपचार कराने पहुँचने लगे हैं।इन्होंने मरीजो के स्वास्थ्य को लेकर हर संभव कदम उठाए हैं जिससे मरीजो को बेहतर ईलाज मिलना संभव हो सका।वही अस्पताल में पदस्थ कुछ अन्य डाक्टर्स अपने ओहदे में इस कदर मसगुल है कि वे अस्पताल पहुचने वाले मरीजो को नियम कायदों का हवाला देकर उन्हें निराश करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं।यहां आपको यह बताना लाजमी होगा कि अस्पताल की व्यवस्थाओ का कोई माई बाप नही है सब भगवान भरोशे संचालित है हालांकि कटघोरा BMO रुद्रपाल सिंह कंवर अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार प्रयासरत है और शिकायतें आने पर उनका त्वरित निराकरण भी करते हैं।
CG NEWS: सूत्रों की माने तो अस्पताल में पदस्थ कुछ डाक्टर्स सरकारी तनख्वाह से संतुष्ट नहीं है जहां ये अस्पताल आने वाले मरीजो को अनगर्ल बातो का हवाला देकर उन्हें निजी अस्पताल भेज देते हैं और जमकर कमीशनखोरी होती है सूत्र तो ये भी बताते हैं कि यहां पदस्थ महिला डॉक्टर की कटघोरा के निजी हास्पिटलो से तगड़ी सेटिंग है जहां सरकारी अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को रिफर के नाम पर निजी अस्पताल भेज दिया जाता है वही इस खेल में निजी अस्पतालो कि चांदी हो गई है।
CG NEWS: कटघोरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कुछ कमर्चारियों व नर्सो का रवैया तो सुभा नल्ला है ये तो मरीजो व उनके परिजनों से सीधे मुँह बात करना भी मुनासिब नही समझते।ऐसा लगता है मानो मरीज इनके पास जाकर कुछ गुनाह कर दिया हो। अगर कोई मरीज यहां पदस्थ डॉक्टर की सलाह पर मेडिकल से इंजेक्शन लाकर किसी नर्स व डॉक्टर से ये कह दे कि इंजेक्शन को लगा दो,तो ये उस मरीज को पैनी नजरों से गुटेर कर पर्ची के नाम पर गुमराह कर देते हैं और पर्ची बनवाकर लाओ का फरमान सुना देते हैं,भले मरीज की जान पर बन आये.
CG NEWS: अगर किसी कारणवश मरीज पर्ची नही बनवा पाता तो अस्पताल प्रबंधन की जवाबदेही भी होती है कि वो मरीज को हर संभव मदद प्रदान करे,जिसके लिए सरकार प्रतिवर्ष करोड़ो रुपये खर्च करती है ताकि लोगो को बेहतर निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिल सके।लेकिन कटघोरा के सरकारी अस्पताल में पदस्थ कुछ डाक्टर्स सरकारी अस्पताल की छवि पर धब्बा हैं जिन्हें मरीज के हालातों से कोई सरोकार नही होता है।
CG NEWS: ये तो राज्य सरकार की देन है कि कटघोरा के सरकारी अस्पताल में हिमांशु जैसे डॉक्टर की पदस्थापना हो गई,और मरीजो को बेहतर चिकित्सा सुविधा कटघोरा में ही उपलब्ध होने लगी है।सब हड्डी सम्बन्धित मरीजो को अन्यत्र स्थान जाने की जरूरत महसूस नहीं होती है।कटघोरा अस्पताल के BMO को आवश्यकता है कि वे मरीजो को होने वाली असुविधा पर विचार कर स्टाफ की गतिविधियों पर ध्यानाकर्षण करे।