CG Naxal News: कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में नक्सलियों के छुप सकने लायक गुफा का पता चला,लगातार ठिकाना बदले रहे हैं माओवादी कैडर, देखिए VIDEO

- Pradeep Sharma
- 27 Apr, 2025
CG Naxal News: जगदलपुर/बीजापुर। बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ पिछले 5 दिनों से चल रहे सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान जवानों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है।
CG Naxal News: जगदलपुर/बीजापुर। बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ पिछले 5 दिनों से चल रहे सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान जवानों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है।
CG Naxal News: भीषण गर्मी और 45 डिग्री तापमान के बीच 5 दिनों के कड़ी मशक्कत के बाद आखिर जवान कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में स्थित नक्सलियों के उस गुफा तक पहुंचने में कामयाब हुए जहां एक हजार से अधिक लोग कई दिनों तक पनाह ले सकते हैं।
CG Naxal News: गुफा में नक्सलियों की मौजूदगी के निशान मिले
गुफा के अंदर पानी से लेकर आराम करने लायक भी सुविधा मौजूद है। गुफा के अंदर ही एक बहुत बड़ा मैदान भी मौजूद है। हालांकि जवानों के वहां पहुंचने से पहले ही नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदल दिया था। गुफा में नक्सलियों की मौजूदगी के निशान मिले हैं।
CG Naxal News: बताया जा रहा है कि, कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों की इस गुफा में देश के मोस्ट वांटेड और करोड़ों के इनामी नक्सली पर शरण लिए हुए हैं। जिसकी सूचना के आधार पर ही इस इलाके में देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया है। सूत्रों के अनुसार, उन पहाड़ियों में मौजूद बड़ी संख्या में नक्सली भी डिहाइड्रेशन का शिकार हो चुके हैं और हो रहे हैं।
CG Naxal News: 4 महीनों का राशन लेकर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में जुटे हैं नक्सलियों के टॉप लीडर
बताया जा रहा है कि चार दिनों से चल रहे इस ऑपरेशन के चलते नक्सली अब खाने और दान-दाने को तरसने लगे हैं। सूत्रों की माने तो भले ही नक्सलियों ने अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए करीब 4 महीनों का राशन लेकर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में डेरा डाला था,पर इस अभियान के कारण ये राशन ज्यादा दिन उनके काम नहीं आ पाएगा। ऐसे में नक्सलियों के सामने अब मरो या आत्मसमर्पण करो की स्थिति बनी हुई है।
CG Naxal News: चारों ओर से सुरक्षा बलों ने डाला है घेरा
कर्रेगट्टा की पहाड़ियों की लोकेशन ऐसी है कि अगर नक्सली पहाड़ियों से नीचे उतरते हैं तो जवानों की गोलियों का शिकार हो जाएंगे और अगर जवानों से डर कर लंबे समय तक पहाड़ियों पर ही छुपे रहते हैं तो कहीं ना कहीं डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं। दूसरी ओर सरकार और जवान भी इस ऑपरेशन पर तब तक डटे रहने पर अड़े हैं जब तक वो उन पूरी पहाड़ियों पर कब्जा नहीं कर लेते जिन पहाड़ियों में इस समय नक्सली छिपे हुए हैं।