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चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के ज्वाइनिंग नही होने से इलाज के लिए अब भी भटक रहे मरीज , हड़ताल ख़त्म करने के बाद भटक रहे है स्वास्थ्य कर्मी

cg health federation : अविनाश चंद्रवंशी / हेल्थ फेडरेशन के आह्वाहन पर 21 अगस्त से प्रदेश के 40 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी जिसमे चिकित्सक, स्टाफ नर्स , नर्सिंग ऑफिसर, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक , द्वारा प्रांत स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल राजधानी में चल रहा था, जो की 13 सितंबर को मुख्यमंत्री जी के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित किया गया। हड़ताल के दौरान पूरे प्रदेश से 2800 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया एवं 2400 कर्मचारियों का निलंबन किया गया है

cg health federation :लेकिन हड़ताल समाप्ति के बाद भी इन कर्मचारियों की जॉइनिंग नहीं हो पाने के कारण स्वास्थ्य सुविधा अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। अभी भी अस्पताल के बाहर मरीजों को भटकना पड़ रहा है स्वास्थ्य केंद्रों में अभी भी ताले लटके हुए हैं इसका पूरा प्रभाव आम ग्रामीण जनता पर पड़ रहा है जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटक रहे हैं।

cg health federation : स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित किया गया जिसमे समस्त कर्मचारियों की जोइनिंग लेने और स्वास्थ्य सुविधा तत्काल बहाल करने की बात मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी किंतु विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते अभी तक उप स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की जॉइनिंग नहीं हो पाने के कारण मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है ,और अभी हड़ताल समाप्ति के बाद भी हड़ताल जैसी स्थिति बनी हुई है।

cg health federation : हेल्थ फेडरेशन के पदाधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा आश्वसन दिया गया है किंतु विभागीय अधिकारीद्वारा जॉइनिंग नहीं लिए जाने के कारण आम ग्रामीण जनता को हड़ताल समाप्ति पश्चात स्वास्थ्य सेवाओं में बहाली नहीं हो पाने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है ।

अभी भी बहुत से स्वास्थ्य कार्यक्रम लंबित है कर्मचारियों की उपस्थिति नहीं होने के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्य नहीं हो पा रहा है ।अब देखना यह है कि कब तक स्वास्थ्य सुविधा बहाल होती है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन में विभाग के अधिकारी तत्काल बहाली को लेकर आदेश जारी कर स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने का कार्य कब तक करते है , यह देखने और सोचने का विषय है, की आदेश निर्देश के चक्कर में कब तक आम जनता पीसते रहेगी??