बिलासपुर। जिले में साढ़े तीन महीने पहले मंदिर से प्राचीन भंवर गणेश की मूर्ति चोरी हुई थी जिसकी तलाश पुलिस लंबे समय से कर रही थी। मस्तूरी थाना की टीम चोरों की तलाश कर रही थी। घटना के बाद प्राचीन भंवर गणेश की मूर्ति पुलिस ने बरामद कर ली है। करीबन साढ़े तीन माह पहले मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम इटवापाली से प्राचीन भंवर गणेश की मूर्ति को 25-26 अगस्त की दरमियानी रात चोरो ने पुजारी को बंधक बना कर सब्बल से मूर्ति तोड़ कर लूट ली थी।
मंदिर में 25- 26 अगस्त की रात में कुछ अज्ञात नकाबपोश मंदिर पहुंचे और बंदूक दिखा कर पूजारी को बंधक बना कर सब्बल से मूर्ति उखाड़ लिया। मूर्ति लूटने के बाद अज्ञात नकाबपोश वहां से फरार हो गए। सुबह गांव के लोग जब मंदिर पहुँचे तब उन्होंने पुजारी को बंधा देखा और उन्हें घटना की जानकारी हुई। सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही एसएसपी पारुल माथुर घटनास्थल पहुँच गयी और घटनास्थल का अवलोकन कर अज्ञात चोरों का पता लगा उन्हें पकड़ने हेतु तीन टीमो को गठन कर दिया।
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एक आरक्षक को मुखबिरों से जानकारी मिली कि मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम चौहा के दो लड़के काले पत्थर का टुकड़ा लेकर उसे मूर्ति बता कर बेचने के लिए चार करोड़ में ग्राहक की तलाश रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने जाल बिछाते हुए युवकों को अन्य राज्य से ग्राहक बन कर फोन करवाया और उन्हें विश्वास दिलवाया कि वे प्राचीन मूर्ति खरीदने वाले बड़े व्यापारी है। उन्हें झांसा में लेने के बाद एसएसपी पारुल माथुर ने एसीसीयू प्रभारी हरविंदर सिंह को खुद ग्राहक बन कर आरोपियो से सौदा करने भेजा ताकि कही कोई चूक न हो जाये और आरोपी बच के निकल न जाये।
इसके बाद क्राइम ब्रांच टीआई हरविंदर सिंह व आरक्षक गोविंद शर्मा यूपी के कन्नौज का व्यापारी बन कर एक आरोपी युवराज टंडन से मुलाकात की और सौदेबाजी की बात की। आरोपी भी बड़े शातिर थे और एक बार मे झांसे में वे नही आये। चोरो को भरोसे में लेने के लिए टीम ने फिर उनसे मोल भाव किया और उन्हें कहा कि मूर्ति दो करोड़ में हमें दे दीजिए और हम उसे आगे थोड़ी ज्यादा कीमत बढा कर बेच देंगे। आरोपियो को भरोसा दिलाने के लिए क्राइम टीआई हरविंदर सिंह ने 5 लाख रुपये बतौर बयाना देने एडवांस मनी भी दिखाई। जिसमे उपर के नोट असली तो नीचे कागजो का बंडल था।
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युवराज टन्डन को ग्राहक बने टीआई ने कहा कि एक बार सौदा तय होने से पहले वह मूर्ति दिखा थे,यदि मूर्ति असली हुई तो वह बाकी रकम की नगद व्यवस्था करेंगे। युवराज टण्डन ने अपने मित्र मोहताब सुमन को फोन कर मूर्ति लेकर बुलाया। मोहताब बाइक में बैठकर मूर्ति लेकर पहुँचा। आरोपी एक सफेद कलर के झोले में मूर्ति रखा हुआ था। जैसे ही मूर्ति मोहताब ने दिखाई तब तस्दीक होने पर टीआई ने आस पास छुपी टीम को इशारा कर दिया। टीम ने घेराबंदी कर दोनो को पकड़ लिया और पूछताछ की तब आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
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आरोपियो ने बताया कि पैसो की लालच में उन्होंने चिड़ियामार नकली पिस्टल दिखा कर लूट की घटना को अंजाम दिया था और चोरी हुई मूर्ति को तालाब में छुपा दिया था। पुलिस बहुत सक्रिय थी इसलिए उस समय उन्होंने मूर्ति को नही बेची थी। पुलिस टीम जब गांव में कैम्प कर जांच कर रही थी तब वे टीम के आस पास ही रहकर उनकी गतिविधियों को देखा करते थे। फिर जैसे ही पुलिस की तलाश कम हुई वैसे ही मूर्ति को निकाल कर वे घर ले आये और बेचने की कोशिश की और पकड़े गए। पुलिस ने उनके घर से चार टुकड़ो में खंडित मूर्ति, 31 टुकड़ो में चांदी का मुकुट और एक चिड़ियामार पिस्टल व घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल जब्त किया है।
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गिरफ्तार आरोपी:-
युवराज टण्डन (20), मोहताब सुमन (25), सुमीर राय(20),निशांत धृतलहरे (20) सभी निवासी मस्तूरी थाना क्षेत्र। वही एक आरोपी अतुल भार्गव(25) फरार है।