अब "एक देश एक समय" भी : केंद्र सरकार ने भारतीय मानक समय (IST) के अनिवार्य उपयोग के लिए नए नियमों का मसौदा किया

समय निर्धारण को मानकीकरण की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए, सरकार ने भारतीय मानक समय (IST) के अनिवार्य उपयोग के लिए व्यापक नियम तैयार किए हैं। यह नियम सरकारी और व्यापारिक प्लेटफॉर्मों पर IST को एकमात्र समय संदर्भ के रूप में लागू करने का प्रस्ताव करते हैं।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने 14 फरवरी 2025 तक जनता से इन नियमों पर प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया है। Legal Metrology (Indian Standard Time) Rules, 2024 का मसौदा Legal Metrology (Indian Standard Time) Rules, 2024 का उद्देश्य समय निर्धारण की प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना है, जिससे IST को कानूनी, प्रशासनिक, व्यापारिक और सरकारी दस्तावेजों के लिए एकमात्र समय संदर्भ के रूप में अपनाया जा सके।
समय निर्धारण के लिए प्रस्तावित दिशा-निर्देश उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने यह प्रस्तावित किया है कि देशभर में सभी गतिविधियाँ और लेन-देन भारतीय मानक समय (IST) के साथ समन्वयित किए जाएं। मंत्रालय का कहना है कि "इन नियमों में Legal Metrology (Indian Standard Time) Rules, 2024 के क्रियान्वयन के लिए प्रक्रियाएँ और अन्य आवश्यकताएँ निर्धारित की जाएंगी, ताकि इसके अनुपालन में कोई विघ्न न आए और लक्ष्यों की प्राप्ति हो सके।"
IST का आधार और इसके लाभ
IST, जो Coordinated Universal Time (UTC) पर आधारित है और इसमें +5:30 घंटे का ऑफसेट है, भारत का आधिकारिक समय है। मंत्रालय का कहना है कि अब से सभी गतिविधियाँ और लेन-देन IST के साथ ही समन्वयित होंगे। CSIR-NPL को IST के रख-रखाव और इसे UTC से जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है।
मसौदा नियमों में प्रमुख बातें
सभी कानूनी, प्रशासनिक और आधिकारिक दस्तावेजों में समय का संदर्भ IST होगा, जब तक कि अन्यथा स्पष्ट रूप से उल्लेख न किया जाए।
IST सभी क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से लागू होगा, जिसमें वाणिज्य, परिवहन, सार्वजनिक प्रशासन, कानूनी अनुबंध और वित्तीय ऑपरेशंस शामिल हैं।
कोई भी व्यक्ति या संस्था आधिकारिक या व्यापारिक उद्देश्यों के लिए IST के अलावा कोई अन्य समय उपयोग, प्रदर्शित या रिकॉर्ड नहीं कर सकेगा, सिवाय इसके कि किसी कानून या सरकार के निर्देशों में इसे अनुमति दी गई हो।
सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थाओं में समय-निर्धारण उपकरणों पर IST प्रदर्शित किया जाएगा और इसे Network Time Protocol (NTP) या Precision Time Protocol (PTP) जैसे विश्वसनीय स्रोतों से सिंक्रनाइज़ किया जाएगा।
अपवाद
कुछ विशिष्ट उद्देश्यों जैसे खगोलशास्त्र, नौवहन, वैज्ञानिक अनुसंधान आदि के लिए वैकल्पिक समय पैमानों (जैसे GMT) का उपयोग अनुमत होगा, बशर्ते कि सरकारी निर्देशों और पूर्व अनुमति के अनुसार इसका पालन किया जाए। दंडात्मक प्रावधान अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो संबंधित व्यक्तियों पर जुर्माना या अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जैसा कि मसौदे में निर्धारित किया गया है।
इस मसौदे के तहत सरकार ने भारतीय मानक समय को सभी सरकारी और व्यापारिक गतिविधियों के लिए अनिवार्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे समय के मानकीकरण से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का समाधान हो सकेगा।