सावधान: घरघोड़ा नगर में डेंगू का दस्तक प्रशासन अनजान, स्वास्थ्य अमला महामारी के इंतजार में? जिम्मेदार भाग रहे अपने कर्तव्यों से, शहर गंदगी से सना!
- sanjay sahu
- 13 Aug, 2024
सावधान: घरघोड़ा नगर में डेंगू का दस्तक प्रशासन अनजान, स्वास्थ्य अमला महामारी के इंतजार में? जिम्मेदार भाग रहे अपने कर्तव्यों से, शहर गंदगी से सना!
गौरीशंकर गुप्ता/घरघोड़ा: रायगढ़ जिला डेंगू मलेरिया को लेकर हाई अलर्ट पर वही जिम्मेदार अधिकारी अराम से सरकारी बंगलों में प्रदत्त सुविधाओं का आनंद ले रहे है ? हाल ऐ सुरत पर बंया क्या करें, जब तंत्र ही मंत्र जाप के शोर से जागती हो, खबर मिल रही है घरघोड़ा नगर के अंदर डेंगू मलेरिया की बीमारी ने चुपके से पांव पसारने सुरू कर दिया है वही स्वास्थ्य विभाग इस खबर से बेखबर बनकर बैठे है और सारी कवायद के बाद भी नगर पालिका अधिकारी साफ सफाई के मामले में बेआबरू छुपाए बैठे है,
आखिर इंतज़ार उस मंजर का हो रही जब बीमारी महामारी बनकर शहर वालों को अपने चपेट में लेकर तांडव करने लगे, शासन प्रशासन से उम्मीद रखना अपने परिवार के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की तरह है इस लिए आमजन स्वयं जागरूक बने अपने आसपास सफाई रखे मच्छरदानी का उपयोग करें छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखें बरसात में भीगने से बचायें, पानी उबालकर पीये किसी भी तरह के शरीर पर लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डाॅक्टर के पास जायें जैसा की हाल के दिनों में जिले में डेंगू की अप्रत्याशित रूप से शिकायत मिल रही है यह चिंता का विषय है नगर के जिम्मेदार अधिकारियों को वार्ड वार्ड निरीक्षण करना चाहिए जो शिकायत मिल रही है शहर के पन्द्रह वार्डों में सफाई की आवश्यकता है, नालियों की सफाई कर उचित पानी निस्तारित की व्यवस्था के साथ बरसात के मौसम में उगने वाले घांस की सफ़ाई दवाइयों का हर हफ़्ते छिड़काव करना नित्यांत अतिआवश्यक है।
सीएमओ बीएमओ क्यों बने हुए है मुकदर्शक
नगर सरकार के सबसे महत्त्वपूर्ण विभाग के अधिकारी जिनके कंधो पर नगर व्यवस्था की स्वास्थ्य स्वस्थ जन एवं स्वच्छ वातावरण पर्यावरण व्यवस्थित नगर की जिम्मेदारी है, जो अपनी जवाबदेही से मुहमोड़ कर निजी जीवन में व्यस्त है ऐसा प्रतीत होता है ? स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है ऐसे जगह पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें क्योंकि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है, लार्वा तब पनपता है जब जमी पर पानी इकट्ठा हो जाता है कूलर गमले आदि में पानी आठ दिन से अधिक समय तक भरा रहता है।
लोग यह समझते हैं कि पानी में कीड़े पड़ गए हैं लेकिन यह जानते नही कि यह कीड़े एडीज द्वारा अंडे दिए जाने के बाद मच्छर बन जाते हैं। इसी नासमझी के बजह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जाता है डेंगू मच्छर का जीवन चक्र मादा एडीज एजिप्टी आमतौर पर कृत्रिम कंटेनरों की भीतरी दीवारों पर अंडे देती है। जब कंटेनर पानी से भर जाते हैं, तो अंडे से *मच्छर के लार्वा निकलते हैं *। चार लार्वा चरणों से गुजरने के बाद, लार्वा प्यूपा में बदल जाते हैं यह खतरनाक मच्छर दिन रात लोगों को काटते है जिसके कारण डेंगू संक्रमण से रक्त में डी-डाइमर का स्तर बढ़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप शरीर में दर्द, सीने में तेज दर्द, तेज बुखार,सांस लेने में परेशानी और हाथ या पैर की त्वचा के रंग में बदलाव हो सकता है।
इधर नगर में सफाई व्यवस्थागत कार्यप्रणाली पर सदैव प्रश्नचिन्ह लगते रहे है नालियों की सफाई कुड़ा कर्कट की समय पर उठाव ना होना, स्वच्छ नगर के लिए प्रतिदिन कार्य की योजनाबद्ध रूपरेखा से कार्य का ना होना व शुद्ध पेयजल जल प्रदूषण रहित वातावरण प्रत्येक नागरिक को मिले इसकी चिंता करने को विभागीय अधिकारी कर्मचारी नियुक्त है जो वर्तमान में नग्ड़य सिध्द हो रहे है? बरसात का पानी घरों के भीतर से होते हुए सड़क पर बहती रहती है इसका जिम्मेदार कौन ? नालियों पर अतिक्रमण कर जाम किया जा रहा इस पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी किसकी ? चौपट राजा अंधेर नगरी की तरह पुरा सिस्टम सुस्त पढ़ा है इधर डेंगू बुखार मलेरिया के लक्षण समाने आने लगे है,अब प्रशासन हरकत में आयेगी या इंतजार करेगी महामारी का आगे देखते है होता क्या है।