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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कांग्रेस पर हमला: "अब कांग्रेस ने भी भूपेश बघेल से किनारा कर लिया"

भूपेश बघेल

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष किरणसिंह देव ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, जिसमें उन्होंने अगला चुनाव पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में लड़ने की बात कही, देव ने इसे कांग्रेस के आंतरिक सत्ता-संघर्ष का परिणाम बताया।

भूपेश बघेल को कांग्रेस ने बनाया 'यूज एंड थ्रो' नेता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणसिंह देव ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा भ्रष्टाचार-केंद्रित है और इसका एकमात्र उद्देश्य लूट-खसोट करना है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने पहले भूपेश बघेल को एटीएम की तरह इस्तेमाल किया और अब उन्हें किनारे कर दिया है। कांग्रेस पहले लूटने के लिए नए नेता बनाती है और फिर उसे ‘यूज एंड थ्रो’ कर देती है।" देव ने यह भी कहा कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में प्रदेश में बड़े पैमाने पर घोटाले और भ्रष्टाचार हुए, जिससे छत्तीसगढ़ की जनता त्रस्त हो चुकी थी। अब जब जनता ने कांग्रेस को नकार दिया, तो कांग्रेस ने भी बघेल को किनारे करना शुरू कर दिया।

"अब कांग्रेस को बघेल पर भरोसा नहीं रहा"

किरणसिंह देव ने कांग्रेस के अंदरूनी हालात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक समय कांग्रेस का नारा था "भूपेश है तो भरोसा है", लेकिन अब कांग्रेस को ही उन पर भरोसा नहीं रहा।

चरणदास महंत का बयान इसी बात को दर्शाता है कि कांग्रेस के अंदर भूपेश बघेल का नेतृत्व स्वीकार नहीं किया जा रहा।

"कांग्रेस में सत्ता की लड़ाई, जनता की सेवा प्राथमिकता नहीं"

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पर गुटबाजी और सत्ता संघर्ष का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस में असली लड़ाई केवल सत्ता और लूटपाट की है। उनके नेताओं को प्रदेश की जनता से कोई सरोकार नहीं है। वे बस इस बात में उलझे रहते हैं कि सत्ता में कौन रहेगा और कौन ज्यादा लूट सकता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का इतिहास बताता है कि यह पार्टी सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। महंत का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि कांग्रेस केवल सत्ता की लालच में एक-दूसरे से लड़ रही है, जबकि जनता की सेवा उनकी प्राथमिकता में नहीं है।

क्या कांग्रेस में बढ़ रही है गुटबाजी?

चरणदास महंत के बयान ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद और संभावित गुटबाजी को उजागर कर दिया है। अगले विधानसभा चुनाव में अभी चार साल बाकी हैं, लेकिन महंत के बयान को भूपेश बघेल के खिलाफ एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भूपेश बघेल और टी.एस. सिंहदेव इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, और कांग्रेस पार्टी इस स्थिति को कैसे संभालती है।

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