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विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू, चार महीने बाद खाली होगा पद

मध्यप्रदेश सरकार ने विद्युत विनियामक आयोग के नए चेयरमैन की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है, क्योंकि वर्तमान चेयरमैन एसपीएस परिहार का कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त होगा।

भोपाल। राज्य सरकार ने विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पद चार महीने बाद खाली जाएगा। इससे पहले ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई। विद्युत विनियामक आयोग के दावेदारों से 17 सितंबर तक आवेदन मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष और अन्य सदस्यों की सहमति से नियुक्ति के लिए नाम तय किया जाएगा। गौरतलब है कि विद्युत विनियामक आयोग के वर्तमान चेयरमैन एसपीएस परिहार का कार्यकाल 2 जनवरी 2025 को पूरा हो जाएगा।

इसके बाद 3 जनवरी से यह पद रिक्त हो जाएगा। राज्य सरकार ने इससे पहले ही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऊर्जा विभाग ने आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चेयरमैन के लिए ऊर्जा विभाग ने प्रशासनिक और ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले जानकारों से आवेदन बुलाए हैं। इस पद के लिए 65 साल से कम उम्र के अखिल भारतीय सेवा के रिटायर्ड अधिकारी और एक्सपर्ट्स आवेदन कर सकते हैं। इस पद पर नियुक्ति पाने वाले को 2.25 लाख रुपए वेतन दिया जाता है। विद्युत विनियामक आयोग में चेयरमैन के अलावा दो सदस्य भी होते हैं।


ये हैं विद्युत विनियामक आयोग के काम
विद्युत विनियामक आयोग की मंजूरी के बगैर बिजली कंपनियां कोई भी काम नहीं कर सकती हैं। सबसे अहम टैरिफ याचिकाएं होती हैं। हर साल बिजली कंपनियां टैरिफ बढ़ाए जाने के लिए याचिका दायर करती हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई विद्युत विनियामक आयोग करता है। विद्युत विनियामक आयोग की मंजूरी के बाद भी टैरिफ में किसी भी प्रकार का इजाफा होता है। हर साल बिजली कंपनियां आयोग के पास बढ़ाचढ़ाकर अपना घाटा भेजती हैं, जिसे आयोग कम कर देता है। इससे बिजली कंपनियां टैरिफ में ज्यादा इजाफा नहीं कर पाती हैं।


राज्य निर्वाचन आयोग का पद भी रिक्त
राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद भी खाली पड़ा है। 30 जून को राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। राज्य सरकार ने संविधान के प्रावधानों के आधार पर आयुक्त सिंह का कार्यकाल बढ़ा दिया है। वह छह महीने तक इस पद पर रह सकते हैं। नए आयुक्त की नियुक्ति होने के बाद इनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर जल्द ही नियुक्ति हो सकती है।

सूचना आयुक्त के दस पद हैं खाली 
प्रदेश में मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त के दस पद खाली पड़े हैं। इसके लिए आईएएस, आईपीएस, रिटायर्ड जज, सामाजिक, राजनीतिक और पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वालों ने आवेदन किए हैं। हाईकोर्ट ने इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति के आदेश दिए हैं। इसके चलते इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नियुक्ति के लिए फाइल सीएम सचिवालय को भेजी जा चुकी है।

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