Breaking News
Image Ad
pm modi
pm modi

Parliament LIVE: संसद को विदेशी शासकों ने बनवाया था, लेकिन पसीना, पैसा-परिश्रम भारतीयों का लगा था: PM मोदी, पढ़िए मोदी की 50 मिनट की स्पीच

Image Ad

Parliament LIVE: नई दिल्‍ली: संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए परिसर में जाने से पहले इस संसद भवन से जुड़े प्रेरणादायक क्षणों को याद करने का समय आ गया है. देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले, उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है.

Parliament LIVE: उन्‍होंने कहा कि जी20 शिखर सम्‍मेलन के सफल आयोजन के लिए भारत के गौरव की चर्चा विश्‍वभर में हो रही है. इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की. पीएम मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा, “ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन ये बात हम कभी नहीं भूल सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में परिश्रम, पसीना और पैसा मेरे देशवासियों के लगा था.

Parliament LIVE: इस सदन से विदाई लेना बहुत ही भावुक पल है. हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन बहुत सारी भावनाओं और अनेक यादों से भरा हुआ है. बीते 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन के सभी सदस्यों ने उसमें खास योगदान दिया है. समय इसका गवाह रहा है. हम भले ही नए भवन में जाएंगे, लेकिन ये पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा.

Parliament LIVE: चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज चारों तरफ भारतवासियों की उपलब्धि की चर्चा गौरव के साथ हो रही है. चंद्रयान-3 की सफलता से आज पूरा देश अभिभूत है. इसमें भारत के सामर्थ्य का एक नया रूप जो आधुनिकता, विज्ञान, टेक्‍नोलॉजी, हमारे वैज्ञानिकों और जो 140 करोड़ देशवासियों के संकल्प की शक्ति से जुड़ा हुआ है.

Parliament LIVE: पीएम मोदी ने जी20 शिखर सम्‍मेलन की सफलता का श्रेय देश की जनता को देते हुए कहा कि वो देश और दुनिया पर नया प्रभाव पैदा करने वाला है. जी20 की सफलता किसी व्यक्ति या दल की नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है. भारत इस बात के लिए गर्व करेगा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन G20 का स्थाई सदस्य बना. हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत ‘विश्व मित्र’ के रूप में अपनी जगह बना पाया है. आज पूरा विश्व, भारत में अपना मित्र खोज रहा है, भारत की मित्रता का अनुभव कर रहा है.

Parliament LIVE:”जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया..

Parliament LIVE: संसद भवन में अपने पहले दिन की यादों को साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस पवित्र भवन में प्रवेश किया, तो सहज रूप से मैंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था. वह पल मेरे लिए बेहद खास था, वो पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था. मुझे लगता है कि संसद से जुड़े हर माननीय में इसके प्रति श्रद्धाभाव होता है. यह स्‍वभाविक भी है.

Parliament LIVE:600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया

Parliament LIVE: संसद में महिलाओं की उपस्थिति का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में यहां महिलाओं की संख्या कम थी. लेकिन धीरे-धीरे माताओं, बहनों ने भी इस सदन की गरिमा को बढ़ाया है. करीब-करीब 7,500 से अधिक जनप्रतिनिधि अबतक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं. इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है.

Parliament LIVE: पीएम मोदी ने पत्रकारों को भी किया याद

Parliament LIVE:संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को कवर करने वाले पत्रकारों का भी पीएम मोदी ने अपने संबोधन में याद किया. उन्‍होंने कहा, “आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं, तब मैं उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं, जिन्होंने पूरा जीवन संसद के काम को रिपोर्ट करने में लगा दिया. एक प्रकार से वे पत्रकार संसद के सफर और कार्यों के जीवंत साक्षी रहे हैं.

Parliament LIVE: उन्होंने पल-पल की जानकारी देश तक पहुंचाईं और इसके सफर को देखा. ऐसे पत्रकार जिन्होंने संसद को कवर किया, शायद उनके नाम जाने नहीं जाते होंगे, लेकिन उनके कामों को कोई भूल नहीं सकता है. सिर्फ खबरों के लिए ही नहीं, भारत की इस विकास यात्रा को संसद भवन से समझने के लिए उन्होंने अपनी शक्ति खपा दी. एक प्रकार से जैसी ताकत यहां की दीवारों की रही है, वैसा ही दर्पण उनकी कलम में रहा है और उस कलम ने देश के अंदर संसद के प्रति, संसद के सदस्यों के प्रति एक अहोभाव जगाया है.

Parliament LIVE:मोदी के स्पीच की बड़ी बातें; बोले- जब मैं पहली बार सांसद बना…

Parliament LIVE:यहां से विदाई भावुक पल: इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं। हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।’

Parliament LIVE: मैं पहली बार जब संसद आया… पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करते हुए मैंने पैर रखा था। वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा।’

Parliament LIVE: हर वर्ग का प्रतिनिधि विविधताओं से भरा: ‘हमारे यहां संसद भवन के गेट पर लिखा है, जनता के लिए दरवाजे खोलिए और देखिए कि कैसे वो अपने अधिकारों को प्राप्त करते हैं। हम सब और हमारे पहले जो रहे वो इसके साक्षी रहे हैं और हैं। वक्त के साथ संसद की संरचना भी बदलती गई। समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधि विविधताओं से भरा हुआ। इस भवन में नजर आता है। समाज के सभी तबके के लोगों का यहां योगदान रहा है।

Parliament LIVE: अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके: ‘शुरुआत में महिला सदस्यों की संख्या कम थी, धीरे धीरे उनकी संख्या बढ़ी। प्रारंभ से अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसद आईं। इंद्रजीत गुप्ता जी 43 साल तक इस सदन के साक्षी रहे। शफीकुर्रहमान 93 साल की उम्र में सदन आ रहे हैं।

Parliament LIVE:संसद पर आतंकी हमला, हमारी जीवात्मा पर हमला था: लोकतंत्र के सदन में आतंकी हमला हुआ था। यह हमला इमारत पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर हमला हुआ था। ये देश उस घटना को कभी नहीं भूल सकता। आतंकियों से लड़ते हुए जिन सुरक्षाकर्मियों ने हमारी रक्षा की, उन्हें कभी नहीं भूला जा सकता।

Parliament LIVE:कई पत्रकार मित्रों ने जिंदगी भर रिपोर्टिंग की: जब आज हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तब उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं जो संसद की रिपोर्टिंग करते रहे। कुछ तो ऐसे रहे जिन्होंने पूरी जिदंगी संसद को रिपोर्ट किया है। पहले यह तकनीक उपलब्‍ध नहीं थी, तब वही लोग थे। उनका सामर्थ्‍य था कि वे अंदर की खबर पहुंचाते थे और अंदर के अंदर की भी (खबर) पहुंचाते थे।

Parliament LIVE: संसद भवन में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का: आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन के रूप में पहचान मिली। इस इमारत का निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था। हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था। पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे।

Join Whatsapp Group