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कटघोरा/जुराली:अवैध रेत खनन माफियाओं के होशले बुलंद,सरेआम हो रही रेत चोरी,प्रशासन मूकदर्शक

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कोरबा/कटघोरा/जुराली:जिला कोरबा के कटघोरा में अवैध रेत परिवहन का कारोबार खुलेआम जारी है मानो प्रशासन नाम की कोई चीज़ ही नही है। यहां खनन माफियाओं का बोलबाला इस कदर जारी है कि प्रशासन इनके अवैध कार्यो को देखकर भी अनदेखा कर देता है। आखिर रेत माफियाओं पर प्रशासन कार्यवाही करने की हिमाकत क्यो नही कर पा रहा है..? क्या रेत माफियाओं के ख़ौफ़ आगे प्रशासन नतमस्तक है..? या रेत माफियाओं की गोद मे बैठ दाढ़ी मुड़वाने को मजबूर है ?

वही कटघोरा नगर पालिका के वार्ड 12 जुराली पार्षद शैल बाई आर्मो सहित ग्रामीणों ने रेत माफियाओं से तंग आकर प्रशासन के समक्ष शिकायत पेश की है अब पार्षद व ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन किस तरह की कार्यवाही करता है यह देखने वाली बात होगी,

बता दे कि कटघोरा नगर पालिका परिषद के वार्ड 12 पार्षद श्रीमति शैल बाई आर्मो ने अपने लेटर पैड में अवैध रेत खनन माफियाओं के खिलाफ लिखित शिकायत कटघोरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,थाना कटघोरा सहित अन्य के समक्ष की है जहाँ अधिकारीयो ने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।हालांकि यह कोई पहली मर्तबा नही है कि रेत माफियाओं के खिलाफ शिकायत हुई हो,

इसके पूर्व भी कथित तौर पर कई शिकायते हुई है लेकिन वे अधिकारियों के दफ्तरों की धूल खा रही है,हालांकि कभी कभार औपचारिकता के तौर पर कुछ कार्यवाहियां हुई है जिन्हें नकारा नही जा सकता।जानकारी अनुसार 15 जून से 15 अक्टूबर तक सभी रेत खदानें बंद हो जाती है तो फिर रेत माफिया कैसे खुलेआम अपने कार्यो को अंजाम दे रहे है यह समझ से परे है? सूत्र बताते है रेत माफियाओं के इन कार्यो में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का संरक्षण है जिस कारण ये सरेआम अपने कार्यो को बेख़ौफ़ तरीके से अंजाम देने में कामयाब होते है।

अवैध रेत खनन माफियाओं का कटघोरा जुराली में आलम इस कदर जारी है कि ये अब नदी किनारे बने मरघट की खुदाई करने से भी बाज नही आ रहे है, इन्होंने रेत परिवहन के लिए कई मठ को खोद डाला है जहां नर कंकाल तक निकल आये है, इनकी हरकतों से ग्राम जुराली के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

ग्रामीणों की माने तो रेत माफिया अपने फायदे के लिए अब मरघट तक को नही छोड़ रहे है यहाँ भी रेत माफिया बेख़ौफ़ होकर रेत चोरी को अंजाम दे रहे है।ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन की ओर से उचित कार्यवाही नही होना दर्शाता है कि रेत माफियाओं के आगे प्रशासन भी नतमस्तक है।ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रशासन कोई बड़ी घटना दुर्घटना का इंतजार कर रहा है तभी इन रेत माफियाओं पर कार्यवाही का शिलशिला शुरू होगा।

आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होने है लेकिन जुराली के ग्रामीणों की समस्या किसी पार्टी के नेताओ को नजर नही आ रही है जो इन रेत माफियाओं के खिलाफ आवाज बुलंद कर इन पर कार्यवाही करा सके।खैर ग्रामीणों ने अब रेत माफियाओं के खिलाफ जंग छेड़ दी है प्रशासन को आवश्यकता है कि समय रहते इन रेत माफियाओं पर कार्यवाही कर ग्रामीणों को न्याय दिलाये,अन्यथा वह दिन दूर नही जब रेत माफियाओं व ग्रामीणों के बीच सिरफुटौव्वल जैसे हालात सामने होंगे।

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