
अगर इंसान अपने परिवार के बाद किसी बाहरी इंसान को अपना परिवार या परिवार का हिस्सा मानता है तो वो होता है हमारा दोस्त। पहले के जमाने में कोई किसी से दोस्ती करता था तो दो दोस्तों के बीच की दोस्ती जीवन के अंत समय तक रहती थी लेकिन आजकल के फ़ास्ट जमाने में दोस्ती करना या दोस्त बनाना बेहद आसान है लेकिन उसे लंबे समय तक निभाना बेहद मुश्किल हो गया है। आज के सोशल मीडिया के समय में दोस्ती सिर्फ ऑनलाइन सीमित रह गई है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह रहता है कि आपके सामने वाला शख्स आपका सच्चा दोस्त है कि नहीं?
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हम आपको बताने जा कि कैसे अपने फ्रेंड्स को पहचाने कि वे आपके सच्चे दोस्त हैं या फेक फ्रेंड्स।
विश्वास तोड़ सकता है
एक फर्जी दोस्त आपके सिक्रेट रिवील कर सकता है। हो सकता है कि आपने बड़े विश्वास के साथ उन्हें कोई बात बताई हो, लेकिन उनका भरोसा नहीं कि वह आपकी लाइफ के जुड़े किस्सों को कहां तक और क्या बोल कर बता दे। वे आपकी पीठ पीछे आपका भरोसा तोड़ सकते हैं।
आपके लिए कभी कुछ न करना
एक सच्ची दोस्ती में गिव एंड टेक दोनों ही चीज़ें शामिल होती हैं। वहीं कोई फेक फ्रेंड केवल आपसे मदद, आपका सामान या फिर आपके पैसे खर्च कराना जानते हैं। वो कभी अपनी तरफ से आपके लिए कुछ नहीं करते।
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आपकी चीज़ों में कम रुचि रखना
अगर आपका कोई फेक फ्रेंड्स हैं, तो वे आपकी लाइफ, इमोशन और जीवन में चल रही किसी भी तरह की परेशानी में कुछ खास रुचि नहीं रखते हैं। वो केवल अपने बारे में सोचते हैं।
ज़रूरत पड़ने पर याद आना
एक फेक दोस्त की सबसे बड़ी निशानी यह है कि उनका फोन आपको तभी आएगा, जब उन्हें आपसे कोई काम हो, या फिर किसी तरह की हेल्प चाहिए हो। ऐसा भी हो सकता है कि जब आपको उनकी ज़रूरत हो, तो वो आपका फोन न उठाएं या मैसेज का जवाब न दें।