High Court News: नई दिल्ली। दहेज हत्या से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। होईकोर्ट ने कहा कि किसी पति का विवाहेतर संबंध या उसकी सट्टेबाजी की आदत उसके ऊपर दहेज हत्या का केस चलाए जाने का आधार नहीं बन सकती। यह केस दिल्ली के एक शख्स से जुड़ा था. उसने अपने खिलाफ IPC की धारा 304B (दहेज हत्या) और 34 के तहत केस दर्ज होने के बाद जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
High Court News: मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विकास महाजन की सिंगल जज बेंच ने ये फैसला सुनाया. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इस शख्स की शादी साल 2020 में हुई थी. शादी के कुछ समय बाद पत्नी को मालूम हुआ कि पति के दूसरी महिला से अवैध संबंध हैं. यही नहीं उसे सट्टेबाजी की भी आदत है. इन वजहों से दोनों के बीच झगड़ा बढ़ने लगा. कुछ दिन बाद पत्नी ने पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए तलाक की अर्जी डाल दी।
High Court News: मुकदमा दायर करने के बाद तनाव और बढ़ा तो पत्नी ने अगस्त 2022 में अपनी जान दे दी थी. इसके बाद महिला के पिता ने उस शख्स पर दहेज हत्या का भी केस दर्ज करा दिया. परेशान पति जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचा और अदालत को बताया कि आपसी कलह के चलते वह और उसकी पत्नी अप्रैल 2021 से ही अलग रह रहे थे. उसकी पत्नी एंजाइटी और डिप्रेशन से पीड़ित थी।
High Court News: मेडिकल डॉक्युमेंट देखने के बाद अदालत ने माना कि महिला का इलाज चल रहा था. जस्टिस विकास महाजन ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘मेडिकल डॉक्युमेंट्स देखने के बाद प्रथम दृष्टया यह पता चलता है कि महिला एंजाइटी और डिप्रेशन का इलाज करा रही थी.’ जब मैंने पेपर देखे और डॉक्टर से बात की तो पता चला कि महिला ने खुद भी डॉक्टर से कहा था कि इन बीमारियों का दहेज की मांग से कोई लेना देना नहीं है।
High Court News: जज ने साफ की पूरी स्थिति
High Court News: जज ने आईपीसी की धारा 304बी को विस्तार से समझाते हुए कहा कि दहेज हत्या के मामले में किसी महिला का उत्पीड़न उसकी मौत से ठीक पहले होना चाहिए और दहेज की मांग से जुड़ा होना चाहिए. मौत से ठीक पहले का तनाव, मौत से जुड़ा होता है. समय का अंतर, अलग-अलग केस में अलग हो सकता है. लेकिन यह जरूरी है कि दहेज की मांग पुरानी नहीं होनी चाहिए. हां अगर किसी विवाहित महिला की मौत की वजह लगातार उससे दहेज की मांग करना है तो आरोपी पर धारा 304बी लगाई जाएगी।