फकरे आलम/बचेली: सुबह से धरना प्रदर्शन करने की तैयारी को प्रशानिक अधिकारियों की पहल से रोका और समस्याओं का निदान बैठ कर बातचीत से करवाने की अच्छी पहल से करोड़ों के नुकसान को बचाया प्रशासनिक अधिकारी ने आज धरना नही होने से एन.एम.डी.सी बचेली को नुकसान से बचाया.
नाराज सर्व आदीवासी समाज की समस्या के निवारण कर प्रभावित क्षेत्र को प्राथमिकता देने की बात की एन.एम.डी.सी मुख्यालय हैदराबाद इस पर विचार करे शीघ्र। स्कूली बच्चों की बस सुविधा ग्रामीण क्षेत्र मे जो बंद है उसे तत्काल शुरू करने पर एन एम डी सी ने सहमती बनी।

उपस्थित प्रशासनिक अधिकारी विवेक चन्द्रा अनु.वि अधीकारी बचेली एस डी ओ पी किरंदुल कमलजीत पाटले.तहसीलदार बचेली जीवेश सोरी थाना बचेली नगरनीरिक्षक गोविंद यादव सर्व आदीवासी समाज ग्रामीण बचेली पंचायत के अध्यक्ष गोविंद कुंजाम महासचिव सुखराम राणा अन्य पदाधिकारी सदस्य ग्रामीण और एन एम डी सी बचेली के अधिकारी नरेन्द्र अम्बाड़े. विवेक कुमार.
धरना की प्रमुख वजह प्रभावित क्षेत्र की अनदेखी
बचेली, एनएमडीसी द्वारा चलाये जा रही सबसे से बेहतरीन बालिका शिक्षा योजना में इस वर्ष चयन को लेकर स्थानीय आदिवासी अभ्यर्थी छात्राओं में नाराजगी है। दरअसल अमूमन इस योजना का लाभ प्रति वर्ष बस्तर संभाग के सभी जिलों के हजारों छात्राओं में से 40 छात्राओं का चयन होता है।
इसके लिए आवेदन भरने के बाद लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है जिसके मेरिट लिस्ट के अनुसार छात्राओं चयन किया जाता है और उन्हें हैदराबाद में निःशुल्क नर्सिंग ट्रेनिंग दी जाती है। जहां से नर्स का प्रशिक्षण ले कर छात्राएँ रोजगार प्राप्त कर अस्पतालों में सेवाएं देती है। इसके लिये सभी अनुसूचित जनजाति की छात्राएं वर्षभर तैयारी करती है। पर इस साल उन्हें निराशा हुई जब उन्हें पता चला कि आवेदन के बाद लिखित परीक्षा आयोजित नही कर सीधे मेरिट लिस्ट जारी कर दीया गया है. बुला इससे छात्राओं में आक्रोश हैं और अब सर्वाआदिवासी समाज बड़े बचेली।
उनका आरोप है एनएमडीसी द्वारा जारी विज्ञापन में स्पष्ट रुप से बचेली परियोजना क्षेत्र के आसपास रहने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी इसके विपरीत केवल 12वीं के प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची जारी कर दी गई। एनएमडीसी की कथनी और करनी अलग अलग है। हम सबसे ज्यादा प्रभावितों में है और हमे लाभ नही मिलता है. इसे लेकर सर्व आदीवासी समाज आज बचेली चेकपोस्ट पर धरना देने का ज्ञापन दे चुका था और काम रोककर ध्यान आकृष्ट करता जिससे उत्पादन और कार्य बाधित होता।