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Teacher’s Day 2023 : 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता हैं शिक्षक दिवस, जानें महत्व और इतिहास

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रायपुर। Teacher’s Day 2023 : आज देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा हैं। हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता हैं कि एक शिक्षक ही है, जो मनुष्य को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाता है और जीवन में सही और गलत को परखने का तरीका बताता है। हर साल प्रत्येक वर्ष डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

Teacher’s Day 2023 :इस दिन सन् 1888 को भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे दूसरे राष्ट्रपति होने के अलावा पहले उपराष्ट्रपति, एक दार्शनिक, प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न प्राप्तकर्ता, भारतीय संस्कृति के संवाहक, शिक्षाविद और हिन्दू विचारक थे। वे 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति और 1939 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी काम किया। डा. राधाकृष्णन को 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। विश्व भर में शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर को मनाया जाता है, लेकिन भारत में यह 5 सितंबर को मनाया जाता है।

Teacher’s Day 2023 :सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही एक मेधावी छात्र थे और छात्रवृत्ति के माध्यम से ही उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। महज 18 साल की उम्र में उन्होंने एथिक्स ऑफ वेदांत पर अपनी एक किताब लिखी और 20 साल की उम्र में वह मद्रास प्रेजिडेंसी कालेज में फिलोसोफी विभाग में प्रोफेसर बन गए। उन्होंने दर्शन शास्त्र में न केवल डिग्री ली, बल्कि लेक्चरर भी बने।

Teacher’s Day 2023 :इसलिए मनाया जाता है टीचर्स डे

Teacher’s Day 2023 :डॉक्टर राधाकृष्णन चाहते थे कि उनका जन्मदिन देशभर के शिक्षकों को याद करने के लिए मनाया जाए, ताकि शिक्षकों के योगदान को सम्मान मिल सके। यही कारण है कि साल 1962 से प्रत्येक वर्ष हम सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। दरअसल उनके जन्मदिन को कुछ छात्र बड़े धूमधाम से मानना चाहते थे, लेकिन जब ये बात डा. राधाकृष्णन को पता चली तो उन्होंने अपने जन्मदिन को मनाने की जगह इसे शिक्षक दिवस के रूप में मानाने की बात कही।

Teacher’s Day 2023 :तभी से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई। हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षकगण एक अहम् भूमिका निभाते हैं ये विद्यार्थियों को एक सही दिशा देते हैं परिवार के बाद टीचर ही हैं, जो हमे दुनिया को देखना और समझना सिखाते हैं शिक्षकों की दी हुई सीख आजीवन काम आती है।

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