रायपुर। Hal Shashthi 2023 : हिंदू धर्म के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष को हल षष्ठी का पर्व मनाया जाता हैं। इस पर्व को देशभर में कई नामों जैसे पीन्नी छठ, खमर छठ, राधन छठ, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ, ललही छठ, हलछठ, हरछठ व बलराम जयंती, से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हल षष्ठी के दिन महिलाऐं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
Hal Shashthi 2023 : हिंदू धर्म में बलराम जयंती का बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म है। बलराम जी को शेष नाग का अवतार माना जाता है। भगवान बलराम को हल बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन हल की पूजा की जाती है इसलिए इस त्योहार को हल षष्ठी भी कहा जाता है। पूजा के बाद हल का खेतों में प्रयोग करना बेहद शुभ माना जाता है।
Hal Shashthi 2023 : साथ ही धार्मिक मान्यता है कि हल षष्ठी का व्रत करने से संतान के सारे कष्ट दूर होते हैं और आयु लंबी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। भगवान बलराम को भगवान विष्णु के 8वें अवतार के भाई के रूप में पूजा जाता है।
Hal Shashthi 2023 : पूजा की विधि
Hal Shashthi 2023 : इस दिन महिलाएं दीवार पर गोबर से हल छठ का चित्र बनाती हैं। इसमें गणेश-लक्ष्मी, शिव-पार्वती, सूर्य-चंद्रमा, गंगा-जमुना आदि बनाए जाते हैं। इसके बाद हरछठ के पास कमल के फूल, छूल के पत्ते व हल्दी से रंगा कपड़ा भी रखा जाता है।
Hal Shashthi 2023 : हलषष्ठी की पूजा में पसाई के चावल, महुआ व दही आदि का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस पूजा में सतनजा यानी कि सात प्रकार का भुना हुआ अनाज चढ़ाया जाता है। इसमें भूने हुए गेहूं, चना, मटर, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर आदि शामिल होते हैं। इसके बाद हलषष्ठी माता की कथा सुनी जाती है।