
सौरभ मिश्रा। इस वर्ष इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से अलग हुए महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय का पहले ही साल रिजल्ट बेहद शर्मनाक रहा। अब इस रिजल्ट के बाद विश्वविद्यालय पर सवाल उठने शुरु हो गए हैं।
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के ख़राब रिजल्ट को देखते हुए कई तरह के सवाल उठ रहे है क्या विश्वविद्यालय में पढ़ाई नही हुई या फिर छात्रों ने पढ़ाई नही की अथवा उत्तरपुस्तिका जाँच करने में कोई त्रुटि हुई है। इस साल महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष से करीब 469 बच्चों ने परीक्षा दी जिसमे से करीब 26 बच्चे ही पास हो पाए बाकी 443 बच्चे फेल हो गए हैं।
इसी तरह द्वितीय वर्ष से कुल 262 छात्रों ने परीक्षा दी जिसमे से करीब 61 छात्र ही पास हो पाए बाकि 201 छात्र फेल हो चुके है. इस प्रकार प्रथम वर्ष से 5% तथा द्वितीय वर्ष से करीब 25% छात्र छात्राएं ही पास हुए है।
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा जारी किये गए ख़राब रिजल्ट को देखकर छात्र छात्राएं काफी हताश नज़र आ रहे है तथा छात्रों के मन में मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है तथा पालक गण भी काफी चिंतित है। इस मामले में छात्रसंगठन एन एस यू आई का आरोप है कि विश्विद्यालय में शिक्षकों की कमी है तथा विश्वविद्यालय अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रहा है। इस प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भारी गिरावट यूनिवर्सिटी के अलग होने के बाद तथा मौजूदा कुलपति के कार्यकाल में आयी है।