Delhi Serial Killer:दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने एक सीरियल किलर को खौफनाक सजा सुनाई है। उन पर कई तरह के मामले दर्ज है और रेप सहित कई वारदातों को अंजाम देने के आरोप में खूंखार सीरियल किलर रविंद्र कुमार को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साल 2008 से 2015 के बीच 30 बच्चियों की किडनैपिंग, हत्या और बलात्कार करने का आरोप है। फिलहाल, अदालत ने गुरुवार को कुमार को छह साल की बच्ची के अपहरण, यौन उत्पीड़न और हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट (Rohini Court in in Delhi) ने 6 साल की बच्ची के अपहरण, रेप और हत्या के दोषी खूंखार सीरियल किलर रविंद्र कुमार को जिंदगी भर जेल की सजा सुनाई है।
Delhi Serial Killer: पुलिस के मुताबिक, कुमार ने कथित तौर पर 2008 और 2015 के बीच लगभग 30 बच्चियों को निशाना बनाया। शिकार पीड़ितों में सबसे छोटी बच्ची सिर्फ दो साल की थी और सबसे बड़ी 12 साल की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, वह बच्चियों का पहले यौन शोषण करता था और फिर उन्हें मार देता था।
Delhi Serial Killer: सीरियल किलर रविंदर कुमार फिलहाल 32 साल का है। उसे 2015 में बच्चियों के साथ अपहरण कर बलात्कार करने और उनकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसने तब पुलिस को बताया था कि उसने पहली बार 19 साल की उम्र में अपराध किया था। रविंद्र 6 साल से 12 वर्ष की बच्चियों को शिकार बनाता था।
Delhi Serial Killer: एक रिपोर्ट के अनुसार, सीरियल रेपिस्ट-हत्यारे रविंद्र साल 2008 में अंग्रेजी हॉरर फिल्म देखकर हैवान बना था। फिल्म देखने के बाद उसने पहली वारदात को अंजाम दिया। 2015 में बेगमपुर मासूम हत्याकांड की जांच करने वाले ACP पद से रिटायर हुए जगमिंदर सिंह दहिया ने इसकी जानकारी दी थी।
Delhi Serial Killer: रिपोर्ट में कहा गया है कि जब थके हुए मजदूर शाम को घर लौटते थे और अपनी झुग्गियों में सोने चले जाते थे, तब कुमार बच्चियों को अपना शिकार बनाता था। दोषी मजदूरों के बच्चों को 10 रुपये के नोट या मिठाई का लालच रात 8 बजे से आधी रात के बीच देता था।
Delhi Serial Killer: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक, रविंद्र उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज का रहने वाला है। वह 18 साल की उम्र में साल 2008 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था। दिल्ली आने के बाद उसे नशे और पोर्न वीडियो देखने की लत लग गई।
Delhi Serial Killer: वह बच्चियों को एक सुनसान इमारत या खाली मैदान में ले जाकर उन पर हमला करता। TOI की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहचाने जाने के डर से उसने ज्यादातर बच्चियों को मार डाला। पुलिस के मुताबिक, उसने करीब 30 आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया, जिनमें से 14 मामले को दिल्ली के कंझावला, समयपुर बादली, निहाल विहार, मुंडका और नरेला इलाकों में अंजाम दिया था।