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Annual Misery Index: जिम्बाब्वे के लोग दुनिया में सबसे दुखी, जानें HAMI की रैंकिंग में भारत किस पायदान पर

नई दिल्ली। Annual Misery Index: वार्षिक दुख सूचकांक (HAMI) के मुताबिक जिम्बाब्वे के लोग दुनिया के सबसे दुखी हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री स्टीव हैंके के वार्षिक दुख सूचकांक (HAMI) की सूची में रैंकिंग के लिए 157 देशों का विश्लेषण किया गया था। अर्थशास्त्री स्टीव हैंके की रिपोर्ट का आधार आर्थिक स्थितियों के मुताबिक तय होता है।

Annual Misery Index: वर्ष 2023 के लिए पेश की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे ने बदतर हालात से जूझ रहे मुल्कों की इस लिस्ट में यूक्रेन, सीरिया और सूडान जैसे युद्धग्रस्त देशों को पीछे छोड़ दिया है। सूचकांक बेरोजगारी मुद्रास्फीति और बैंक-उधार दरों का योग है। हर वर्ष यह रिपोर्ट पेश की जाती है।

Annual Misery Index: किस आधार पर मिली रैंकिंग

वार्षिक दुख सूचकांक में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी,उधार की दरों में उछाल और और बदहाल अर्थव्यवस्था को शामिल किया गया। हैंके की इस रिपोर्ट ने देश की सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी ज़ानू-पीएफ और उसकी नीतियों को भी इन हालात के लिए जिम्मेदार बताया है। वेनेज़ुएला, सीरिया, लेबनान, सूडान, अर्जेंटीना, यमन, यूक्रेन, क्यूबा, तुर्की, श्रीलंका, हैती, अंगोला, टोंगा और घाना सबसे दयनीय देशों की शीर्ष 15 सूची में अन्य देश हैं।

Annual Misery Index: सबसे खुश देश

अर्थशास्त्री स्टीव हैंके की रिपोर्ट के मुताबिक स्विट्जरलैंड का स्कोर सबसे कम था, जिसका अर्थ है कि वहां के नागरिक सबसे खुश हैं। दूसरा सबसे खुशहाल मुल्क इस रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत है उसके बाद आयरलैंड, जापान, मलेशिया, ताइवान, नाइजर, थाईलैंड, टोगो और माल्टा का नंबर है।

Annual Misery Index: भारत के लोग अमेरिका से ज्यादा खुशहाल

भारत इस सूची में 103वें स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत बेरोजगारी से गुज़र रहा है। इस सूची में अमेरिका 134वें स्थान पर है। यह रिपोर्ट अर्थशास्त्री स्टीव हैंके तैयार करते हैं। मुख्य तौर पर द एनुअल मिसरी इंडेक्स को जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय में एप्लाइड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर स्टीव हैंके द्वारा संकलित किया गया है।

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