MP Doctors Strike/मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर आज से बुरा असर पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि प्रदेश के करीब 15 हजार सरकारी डॉक्टर तीन मई से काम बंद कर देंगे। सरकारी डॉक्टर इमरजेंसी, शैक्षणिक, प्रशासनिक और मेडिको लीगल कार्यों से भी दूर रहेंगे। हड़ताल का ऐलान शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ की ओर से किया गया है।वही एक मई को भी बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जाहिर किया था। इसके बाद दो मई को डॉक्टरों ने सुबह 11 से 1 बजे तक कोई काम नहीं किया। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभूराम चौधरी के बंगले का भी घेराव किया। जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं आज से DACP नीति लागू करने, प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी समेत कई मुद्दों को लेकर हड़ताल शुरू की जाएगी।
MP Doctors Strike:डॉक्टरों की सबसे प्रमुख मांग केंद्र की तर्ज पर डीएसीपी लागू करने की है। DACP के ज़रिए समय समय पर पदोन्नति होती है। वेतनवृद्धि और अच्छा करियर बनाने के लिए DACP में बेहतर अवसर मिलते हैं। यह पॉलिसी 2008 के बाद देश के कई राज्यों में लागू हो चुकी है, लेकिन एमपी में 14 साल के बाद भी ये स्कीम अब तक लागू नहीं की गई है। स्कीम ना लागू होने के कारण डॉक्टर की नाराज़गी आंदोलन का रूप ले रही है।
READMORE:JOB RECUIRMENT: गृह मंत्रालय में निकली वेकेंसी,जाने आवेदन की अंतिम तारीख
MP Doctors Strike:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार देर रात बैठक बुलाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी कलेक्टर्स और कमिश्नर्स के साथ बैठक की। प्रदेश के शासकीय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। इस दौरान सीएम शिवराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी नहीं होना चाहिए।