वैसे तो कई फूल होते हैं जो साधारण होते हैं लेकिन हिंदू धर्म में इनका कई अहम योगदान रहता है। इन फूलों का कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। कुछ माला बनाने के काम में आते हैं तो कुछ भगवान को चढाने के काम में लेकिन कुछ फूल ऐसे होते हैं जिसे अगर भगवान को चढ़ा दिया जाए तो बेहद शुभ होता है।
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ऐसा ही सफेद आक का पौधा होता है जो बेहद शुभ माना जाता है। इस फूल को भगवान गणेशजी का स्वरूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी पुराने सफेद आक के पौधों की जड़ों को मिट्टी से खोद कर निकाला जाय तो उसके जड़ की आकृति भगवान गणेश जी की प्रतिमा की तरह दिखाई देती है। आक के गणेश जी प्रतिमा की पूजा करने और इनकी स्थापना करने पर सभी तरह के दुखों का निवारण होता है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में अगर आक के जड़ को स्थापित किया जाता है और नियमित रूप से पूजा होती है वहीं पर सुख-समृद्धि और मां लक्ष्मी की वास होता है। जादू-टोनों में आक के फूल का इस्तेमाल किया जाता है।
इस पौधे के फूलों को शिवलिंग पर भी अर्पित किया जाता है। आंक के पौधे की एक दुर्लभ प्रजाति है सफेद आंकड़ा। किसी भी पौधे की जड़ में गणपति की प्रतिकृति बनने में कई सालों का समय लगता है। मान्यता है कि यदि इस जड़ को यानी श्वेतार्क गणपति को अपने घर में स्थापित करके यदि प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाये तो यह प्रतिमा सिद्ध हो जाती है और इसमें गणपति का वास हो जाता है।
श्वेतार्क की जड़ लेकर उसे साफ करके शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कराएं और फिर लाल कपड़े पर स्थापित करके उसकी प्रतिदिन पूजा करें। गणपति की पूजा में लाल चन्दन, अक्षत, पुष्प, सिंदूर,दूर्वा,सुपारी,जनेऊ का प्रयोग विशेष रूप से करें। इसके बाद धूप-दीप से गणेशजी की आरती करें । इसके बाद गणपति के मंत्र ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का एक माला जप अवश्य करें। मंत्र जाप के लिए स्फटिक या फिर रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।