
नई दिल्ली : दुनियाभर में मंकी पॉक्स वायरस का खतरा बढ़ते ही जा रहा है। इसके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जहां इससे पहले ये संक्रमण 11 देशों तक सिमित था, वहीं अब इसका दायरा बढ़कर 20 देशों तक जा पहुंचा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी करते हुए शुक्रवार को कहा कि दुनिया के 20 से ज्यादा देशों से मंकी पॉक्स के करीब 200 मामले आए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
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संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान महामारी कैसे शुरू हुई, इस बारे में कई सवालों के जवाब नहीं थे, लेकिन कुछ भी साबित नहीं करता है कि इस महामारी का कारण वायरस में एक आनुवंशिक परिवर्तन है। डब्ल्यूएचओ महामारी के निदेशक, डॉ सिलवी ब्रायंद ने कहा: “वायरस (जीनोम) का अनुक्रमण करने से पहले यह दर्शाता है कि यह रूप महामारी से प्रभावित महामारी के रूप से अलग नहीं है और यह (महामारी का प्रसार) संभवतः है। यह लोगों की जीवनशैली और परिवर्तन का परिणाम है।
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क्या है मंकीपॉक्स वायरस
रिपोर्ट के मुताबिक मंकीपॉक्स चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक ओर्थोंपॉक्सवायरस है।मंकीपॉक्स (Monkeypox) पीड़ित व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड के संपर्क में आने से फैलता है। खासकर अगर व्यक्ति पीड़ित के अत्यधिक करीब आता है तब इसके फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
शरीर में सूजन
ऊर्जा की कमी महसूस होना
शरीर के लाल चकत्ते का घाव बन जाना
मांसपेशियों में असहनीय दर्द
ठंड लगने की शिकायत
निमोनिया हो जाना
तेज बुखार आना
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क्या है भारत की स्थिति ?
भारत की बात की जाए तो अभी इस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि अन्य देशों में फैल रहे वायरस को देखते हुए भारत इसका सामना करने के लिए तैयार है। फ़िलहाल देश में इस बीमारी का अभी कोई केस नहीं मिला है। आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉक्टर अपर्णा मुखर्जी ने कहा कि इस संक्रमण का सामना करने के लिए भारत तैयार है। यह संक्रामक रोग यूरोप, अमेरिका एवं अन्य सहित नॉन एंडेमिक देशों में तेजी से फैल रहा है। जहां तक भारत की बात है तो अभी इस बीमारी का कोई मामला देश में नहीं मिला है।