प्राइमरी और मिडिल स्कूल की बेसलाइन परीक्षा शुरू, शिक्षकों की दिखेगी मेहनत
तीन स्तर पर होगी परीक्षा
रायपुर। “आगे पाठ पीछे सपाट” वाली कहावत तो आपने सुनी होगी। यह कहावत कारोना काल की वजह से आजकल फिर से चर्चा में है, ऐसे में आंकलन परीक्षा में पूर्व के दो कक्षाओं के प्रश्न पूछ कर छात्रों को एकबार फिर से मानसिक रूप से तंदुरूस्त करने की तैयारी चल रही है। शिक्षा विभाग ने जो तैयारी की है उसके मुताबिक बेसलाइन परीक्षा में जो बच्चे कमजोर पाए जायेंगे उनके स्तर में सुधार का प्रयास किया जायेगा। इसके बाद मीड लाइन की परीक्षा होगी, इसमें भी अंकों के आधार पर बच्चों का स्तर सुधारा किया जाएगा। इसके बाद आखिर में इंड लाइन की मूल्यांकन परीक्षा होगी। ऐसा करके बच्चो के शिक्षा के स्तर में सुधार कराया जायेगा, ताकि वे मुख्य परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकें। अब यह देखने वाली बात होगी कि शिक्षक इस प्रयास में कितनी गंभीरता दिखते हैं, क्योंकि इस योजना की सारी सफलता इन शिक्षकों की मेहनत पर ही निर्भर है।
तीन स्तरों में होगी परीक्षा
बच्चों को पढाई से जोड़े रखने के लिए निजी विद्यालयों में ऑनलाइन क्लासेस हुए तो वहीं सरकारी स्कूलों में मोहल्ला क्लास के साथ ही अनेक नए उपाय किए गए। ऐसे अब जब बच्चे स्कूल जाने लगे है तो उनकी उनकी बुद्धिमता का स्तर पिछली कक्षाओं से आगे है या वे पढाई में कमजोर हैं, इसके लिए 3 स्तरों में उनकी परीक्षा आयोजित की जानी है। पहले क्रम में बेसलाइन की परीक्षा पिछले महीने ही ली गई, जिसमे अंकों के आधार पर कमजोर बच्चों के स्तर में सुधार का प्रयास किया जाना था।
अच्छे अंक पर विभाग को हुआ शंका
एससीईआरटी द्वारा बेसलाइन परीक्षा के प्रश्नपत्र तैयार किए गए थे, बच्चों की उत्तरपुस्तिका जॉच कर अंको को ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज करना था। लेकिन शिक्षकों ने कॉपियां जाची और पोर्टल में बच्चों के नंबर काफी बढ़ाकर डाल दिए। इस बात पर उच्चधिकारियों को शंका हुआ कि सभी बच्चों के नंबर 80 से 70 के बीच है। इसके चलते अधिकारियों ने पुनः परीक्षा आयोजित करनेे का आदेश दिया।
संकुल स्तर पर होगा मूल्यांकन
प्रदेश भर के शासकीय स्कूलों में दोबारा बेस लाइन की परीक्षा आयोजित की गई है। इसमें कक्षा 1, 2, 3 व 6वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन होना है। बच्चों को अपनी कापी के अलग से पन्ने में सवाल हल कर जमा करना होगा। साथ ही यह भी निर्देश जारी किया गया कि उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन संकुल स्तर पर होगा। इसके अलावा जिस स्कूल में बच्चे पढ़ रहे है वहां के शिक्षक कॉपी नहीं जांचेंगे, बल्कि दूसरे स्कूल के शिक्षक मूल्यांकन करेंगे।