EX JNUSU PRESIDENT कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) आज थामेंगे कांग्रेस का दामन
गुजरात सात फीसदी दलितों को साधने जिग्नेश मेवाणी का भी कांग्रेस प्रवेश
राहुल गाँधी की मौजूदगी में दोनों नेताओ को कांग्रेस प्रवेश कराया जायेगा
नई दिल्ली। जेएनयूएसयू (JNUSU) के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के युवा नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) आज कांग्रेस पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं। कांग्रेस मुख्यालय में उनके और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी।
एक के बाद एक चुनाव हार चुकी कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी कर रही है। पार्टी की नजर विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव पर है। चुनाव में जीत की दहलीज तक पहुंचने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही। ताकि, 2024 के चुनाव में जीत हासिल की जा सके। कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी को पार्टी में शामिल कराना उसी का हिस्सा है।
CPI leader Kanhaiya Kumar and RDAM MLA Jignesh Mewani from Gujarat to join Congress on September 28: Sources
(file phots of Mewani and Kumar, respectively) pic.twitter.com/9lCzGBvBme
— ANI (@ANI) September 25, 2021
दोपहर बाद 3 बजे दोनों युवा नेताओं का कांग्रेस प्रवेश होगा…
Former JNUSU President @kanhaiyakumar will join the Congress at 3 pm tomorrow at the AICC HQs. #KanhaiyaKumar pic.twitter.com/UuC0lhUMYD
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) September 27, 2021
कन्हैया कुमार: कन्हैया कुमार का ताल्लुक बिहार के बेगुसराय है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने किस्मत भी आजमाई थी, पर वह भाजपा के गिरिराज सिंह से हार गए। बेगुसराय में भूमिहार मतदाताओं की तादाद सबसे ज्यादा है और कन्हैया कुमार भी भूमिहार है। ऐसे में वह खुद को साबित करने में विफल रहे।इसके बावजूद पार्टी मानती है कि बिहार में नए चेहरे की जरुरत है। छात्र नेता के तौर पर उन्हें संगठन बनाने का अनुभव है। बिहार कांग्रेस के नेता अमरिंदर सिंह कहते हैं कि कन्हैया के आने से पार्टी को फायदा होगा। क्योंकि, कन्हैया वही मुद्दे और लड़ाई लड़ रहे हैं जिन्हें कांग्रेस उठाती रही है।
जिग्नेश मेवाणी: वर्ष 2017 के चुनाव में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की तिगड़ी ने अहम भूमिका निभाई थी। हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं, अल्पेश ठाकोर भाजपा में चले गए। पर जिग्नेश मेवाणी ने कभी कोई समझौता नहीं किया और वह लगातार भाजपा से लड़ते रहे हैं। गुजरात में सात फीसदी दलित हैं और उनके लिए 13 सीट आरक्षित हैं। पिछले चुनाव में अधिकतर आरक्षित सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। उस वक्त जिग्नेश मेवाणी अपनी सीट तक सीमित रहे थे और कांग्रेस ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था। पर मेवाणी के कांग्रेस में आने से तस्वीर बदल सकती है।