वॉशिंगटन:अमेरिका यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की।बाइडेन ने मुलाकात के दौरान कहा कि मुझे लंबे समय से विश्वास है कि अमेरिका-भारत के बीच के संबंध हमें कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकते हैं. वास्तव में 2006 में जब मैं उपराष्ट्रपति था, मैंने कहा था कि 2020 तक भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देशों में होंगे.
दोनों ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में मीटिंग की। बाइडेन ने मोदी का काफी गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत करने पर जोर दिया। बाइडेन ने अपने उपराष्ट्रपति कार्यकाल को याद किया, जब वे मुंबई आए थे तो वहीं मोदी ने ट्रेड से लेकर कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन से लेकर क्वॉड जैसे मसलों पर बात की। जो
#WATCH Prime Minister Narendra Modi holds talks with US President Joe Biden at the White House pic.twitter.com/CN3hnn7MAE
— ANI (@ANI) September 24, 2021
क्वॉड समिट में बोले PM मोदी- हमारा वैक्सीन इनिशिएटिव इंडो-पैसिफिक देशों की बड़ी मदद करेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा- व्हाइट हाउस आकर खुश हूं। दोनों देशों के लोकतंत्र और परंपराएं दुनिया के लिए मिसाल हैं। बाइडेन का विजन हमारे लिए प्रेरक है। अमेरिका में 40 लाख भारतीय रहते हैं। यह अमेरिका को ताकत बनाने में मदद कर रहे हैं।
हमें पीपुल टू पीपुल कॉन्टैक्ट को और बढ़ाना होगा। मोदी ने आगे कहा कि प्रेसिडेंट बाइडेन से 2014 और फिर 2016 में बातचीत का मौका मिला था। हम इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में मिल रहे हैं। बाइडेन की लीडरशिप इस दशक को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आइए जानते हैं दोनों ग्लोबल लीडर्स के बीच मीटिंग में किन मुद्दों पर चर्चा हुई।
कोविड, जलवायु परिवर्तन और क्वाड पर ध्यान दिया बाइडेन ने : मोदी
पदभार संभालने का बाद आपने कोविड, जलवायु परिवर्तन और क्वाड जैसे मसलों पर ध्यान दिया।. महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि हम इस प्लेनेट के ट्रस्टी हैं। यह भावना ही भारत-अमेरिका के बीच संबंध मजबूत करेगी। भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड का अपना महत्व है। इस दशक में ट्रेड के क्षेत्र में हम एक-दूसरे को मदद कर सकते हैं। बहुत सी ऐसी चीजों की भारत को जरूरत है, जो अमेरिका के पास हैं। बहुत सी चीजें भारत के पास हैं, जो अमेरिका के काम आ सकती हैं। भारत और अमेरिका के संबंधों में ट्रांसफॉर्मेटरी आ रही है। हम लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों के लिए हम समर्पित हैं।
बाइडेन ने कहा-अमेरिका-भारत कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं
मुझे विश्वास है अमेरिका-भारत संबंध कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकते हैं। 2006 में मैंने कहा था कि 2020 तक भारत-अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देश होंगे। बाइडेन ने अपनी मुंबई विजिट को याद किया। उस समय वे अमेरिका के उप राष्ट्रपति थे। बाइडेन ने मजाक में कहा कि मुंबई में उनके रिश्तेदार हैं। उन्हें मुंबई से एक व्यक्ति का खत मिला था, जिसका नाम बाइडेन था। दोनों देश के बीच संबंधों को मजबूत करने, स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बनाए रखने, COVID-19 और जलवायु परिवर्तन तक हर चीज से निपटने के लिए तत्पर हूं।
भारतीय मूल के लोग भी मौजूद
व्हाइट हाउस के एक्टिंग चीफ ऑफ प्रोटोकॉल ने पश्चिमी दरवाजे पर उनका स्वागत किया। इससे पहले दोनों देशों के प्रोटोकॉल ऑफिसर्स ने बातचीत की। व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग भी मौजूद रहे।
मोदी-बाइडेन की पहली मुलाकात थी
बाइडेन ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद यह पहला मौका था, जब दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठकर बात की। दोनों देशों के लिए साझा चुनौतियां हैं। कोविड का कहर पूरी तरह दोनों ही देशों में थमा नहीं है। तेजी से वैक्सीनेशन का चैलेंज है। और ताजा और साझा चैलेंज अफगानिस्तान से सामने आ रहा है।
पहले शेड्यूल में नहीं थी मीटिंग
मोदी के अमेरिकी दौरे का जब कार्यक्रम बना था, तब शुरुआती तौर पर यह तय नहीं लग रहा था कि बाइडेन से उनकी बाइलेट्रल बातचीत होगी। कई दिनों बाद व्हाइट हाउस ने खुद इस पर मुहर लगाई और कहा- प्रेसिडेंट बाइडेन व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी करेंगे। बाद में बाइडेन के वीकली शेड्यूल में भी इसे शामिल किया गया और फिर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रिंगला ने मुलाकात की पुष्टि कर दी।
अमेरिका के लिए भारत का महत्व
वैसे तो मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका गए हैं, लेकिन अगर आप उनके शेड्यूल को गौर से देखें तो पाएंगे कि इस दौरे का कूटनीतिक महत्व काफी ज्यादा है। इसे तीन पॉइंट्स में समझ सकते हैं।क्वॉड में 4 देश हैं। भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान। चारों देशों को अगर चुनौती और खतरा है तो सीधे तौर पर चीन से है। इसलिए, चारों ही देशों के राष्ट्राध्यक्ष वर्चुअल मीटिंग के बजाए फिजिकली वॉशिंगटन पहुंचे है।बाइडेन और कमला हैरिस दोनों ही क्वॉड देशों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। जाहिर है हिंद और प्रशांत महासागर में चीन जो दबदबा कायम करने की चालें चल रहा है, छोटे देशों को धमका रहा है, उसका सीधा मुकाबला किया जाएगा। मोदी इससे पहले दो अमेरिकी राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प के साथ काम कर चुके हैं। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक भारत के प्रति वही रवैया अख्तियार किया है, जो रिपब्लिकन ट्रम्प का था। पिछले दिनों वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा था- भारत को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स का रुख अब एक है।