रायपुर | भुवनेश्वरी जयंती (Bhuvaneshwari Jayanti) 2021 दस महाविद्या देवी में से चौथी देवी भुवनेश्वरी (Bhuvaneshwari Jayanti) को समर्पित है. जैसा कि नाम से पता चलता है, वो सभी लोकों की देवी हैं और पूरे ब्रह्मांड पर राज करती हैं, जिसे विश्व माता भी कहा जाता है. देवी भुवनेश्वरी (Bhuvaneshwari Jayanti) को आदि शक्ति के रूप में जाना जाता है और उनके सगुण अवतार में, उन्हें देवी पार्वती के रूप में जाना जाता है. वो तेज से धन्य हैं और उनके माथे पर एक मोन है.
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, भुवनेश्वरी जयंती सितंबर के महीने में चंद्रमा के वैक्सिंग चरण पर मनाई जाती है. इस वर्ष, ये शुभ दिन 18 सितंबर, 2021 को मनाया जाएगा. इस दिन, भक्त एक दिन का उपवास रखते हैं और एक समृद्ध भविष्य के लिए देवी का आशीर्वाद मांगते हैं. माता की पूजा में तल्लीन भक्तगण माता से अपने पूरे परिवार की रक्षा का वर मांगते हैं और जीवन में सफलता की नई ऊंचाईयों को छुएं ऐसे वर की प्राप्ति चाहते हैं.
भुवनेश्वरी जयंती 2021 की पूजा विधि
– सुबह जल्दी उठकर नहाएं और साफ कपड़े पहनें
– देवी को फूल, फल, लाल कपड़ा, लाल फूल, रुद्राक्ष की माला और चंदन का भोग लगाएं
– त्रयोलोक्य मंगल कवचम, श्री भुवनेश्वरी पंजर स्तोत्र और त्रयोलोक्य मंगल कवचम का जाप करें
– आरती कर पूजा का समापन करें
भुवनेश्वरी जयंती 2021 का मंत्र
ऊं ऐं ह्रीं श्रीं नमः
ऐं ह्रुं श्रीं ऐं हम्रम ||
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, देवी भुवनेश्वरी के चार हाथ हैं और वो अपने भक्तों को अपने दो हाथों से प्यार का आशीर्वाद देती हैं. अपने अन्य दो हाथों में वो फंदा और अंगुसम धारण करती है. साथ ही, इस दुनिया में होने वाली हर चीज पर नजर रखने के लिए उनकी तीन आंखें हैं.
भुवनेश्वरी जयंती 2021 का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी भुवनेश्वरी की पूजा करना शुभ होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और धन, ज्ञान, भाग्य आदि सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वो दुनिया में सभी प्राणियों की मां और पालन-पोषण करने वाली हैं.
कहा जाता है कि इस दिन भक्तों को कन्या पूजन करना चाहिए. वैसे भी माता का पूजन बिना कन्या पूजन के अधूरी है. कन्या पूजन करने से माता अत्यधिक प्रसन्न होती हैं. उनका बीज मंत्र ब्रह्मांड का निर्माता है.
पूरे विधि-विधान से इस दिन की गई माता की पूजा अत्यंत शुभफलदायी मानी जाती है और इस दिन आपको माता का आसीम प्यार और दुलार मिलता है साथ ही इस दिन मांगी गई कोई भी मन्नत पूरी होती है.